जिला कोरिया. विकास खण्ड सोनहत के रेंजर मिश्रा जिनका पूर्व में स्थानांतरण हो चुका था। उन्होंने स्थानांतरण को रद्ध कराने के लिए न्यायालय की शरण ली। आजकल वे कांग्रेस के कार्यालय में ही गाड़ी सहित अपना समय व्यतीत कर रहे हैं। सोचने वाली बात यह है कि एक कर्मचारी जो डिप्टी रेंजर के पोस्ट पर है उसको सोनहत का रेंजर कैसे बना दिया गया। और वह व्यक्ति कानून की धज्जियां उड़ाने में माहिर है। रेंजर कांग्रेस कार्यालय में बैठकर नेताओं की चापलूसी करने में मदहोश है। इनका बीट गार्ड से ऐसा क्या लगाव है कि रेंजर के सारे काम बीट गार्ड ही देखता है। सोनहत में चर्चा का विषय है कि बीट गार्ड से इतना प्रेम किसी रेंजर ने नहीं किया। अभी पदस्थ रेंजर अपने बीट गार्ड के कारण बेपरवाह रहते हैं। रेंजर बीट गार्ड को काम करने का पूरा अधिकार देके रखे हैं। कुछ जानकार सूत्र बताते हैं कि इनके फर्जी बिलों को खोला जाए तो लम्बी फाइलें निकल सकती हैं। इनके द्वारा अपने क्षेत्र में कहीं भी भ्रमण नहीं किया जाता और डीजल का खर्चा दर्शाते रहते हैं। उच्चाधिकारियों को ऐसे कर्मचारी जो राजनीति के क्षेत्र में फल-फूल रहे हैं उनपर कार्यवाही करना चाहिए। इनकी कार्यशैली पर ध्यान रखते हुए वन संरक्षण अधिकारी अंबिकापुर द्वारा कार्यवाही करना निश्चित हो चुका है।