मुख्य चुनाव आयोग ध्यान दें।…………….
छत्तीसगढ़ मेें शोषण मीड़िया व पोटल के द्वारा नई उम्र के लड़को के द्वारा शोषण मीडिया में गलत ढ़ंग से झूठे-झूठे चुगल बाजी व चंदा के नाम से विवाह के नाम से बैंक खाते में पैसा डलवाने के नाम पर शोषण हो रहा है। यहां तक की किसी भी व्यक्ति को समाचार प्रकाशन को लेकर दो हजार से तीन हजार रूपये तक लिए जाते है ये चर्चा का विषय है। इस शोषण मीड़िया पर चुनाव आयोग ध्यान दे जिस समाचार पत्र का आर.एन.आई हो उसी को छत्तीसगढ़ शासन मान्य करें। इस हिसाब से देखा जाए तो शोषण मीड़िया अधिकारियों से किस बिल का भुगतान लेते है समझ से परें है कि आई.एस. अधिकारी व आईपी एस अधिकारी की किस आधार पर वाईट लेते है किसी भी राज्यों में चुनाव के मद्दे नजर चुनाव कार्ड नही दिया जाता इनका क्या आधार है आधार पर चुनाव आयोग के द्वारा शोषण मीड़िया को परमिशन किस आधार पर दिया जा रहा है। भारत सरकार के द्वारा जिनको पंजीकृत किया है वही मान्य है। जो व्यक्ति किसी लाईक नही थे वह शोषण मीडिया के नाम पर लाखों रूपयें वसूल कर रहें। इन पर चुनाव आयोंग का प्रतिबन्ध होना चाहिए। इसकी जानकारी सूचना प्रसारण मंत्रालय व प्रेस सम्बन्धित कार्यलय को भेजी जा रही।