रायपुर। बीत रहे साल 2019 में कुल पांच ग्रहण का संयोग बना था। इसमें से तीन सूर्य ग्रहण और दो चंद्रग्रहण थे। हालांकि पांच में से मात्र दो ग्रहण दिखाई देने से देश में सूतक लगा था। पांच ग्रहण में से चार ग्रहण हो चुके हैं, पांचवां सूर्य ग्रहण साल के अंतिम सप्ताह में 26 दिसंबर को पड़ रहा है। यह ग्रहण भारत में दिखाई देगा, इसलिए ग्रहण का प्रभाव भी पड़ेगा। ज्योतिषाचार्य डॉ. दत्तात्रेय होस्केरे के अनुसार पौष मास की अमावस्या को पड़ रहे सूर्य ग्रहण के प्रभाव से देश के प्राकृतिक वातावरण में बदलाव आएगा। देश के अधिकांश भागों में नमी छाएगी, ठंड बढ़ेगी और कहीं-कहीं बारिश की भी संभावना है।
नए साल में दो सूर्य ग्रहण, एक ही दिखेगा
नए साल 2020 में आकाश मंडल में दो सूर्य ग्रहण का संयोग बन रहा है। अमूमन ऐसा होता है कि साल भर में एक सूर्य और एक चंद्र ग्रहण पड़ता है। इस साल चंद्र ग्रहण नहीं पड़ रहा है। दो सूर्य ग्रहण में से भी भारतीय भू-भाग में मात्र एक ग्रहण को ही देखा जा सकेगा। दूसरा ग्रहण दूसरे देशों में दिखाई देगा। नए साल के ग्रहण की खासियत यह है कि एक ग्रहण साल के मध्य यानी जून में पड़ेगा और दूसरा साल के आखिरी में दिसंबर में पड़ेगा। दिसंबर का ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा। ऐसी मान्यता है कि जो ग्रहण दिखाई नहीं देता उसका सूतक नहीं माना जाता और पूजा-पाठ में कोई अवरोध नहीं होता।
जनवरी और जुलाई पड़े थे चार ग्रहण
बीत रहे साल 2019 में इससे पूर्व दो सूर्य ग्रहण 6 जनवरी और 2 जुलाई को पड़ा था तथा चंद्र ग्रहण 21 जनवरी और 16 जुलाई को प़ड़ा था।
भारत के अलावा मंगोलिया, चीन, रूस में दिखेगा
26 दिसंबर को पड़ने वाला सूर्य ग्रहण कंकड़ा कृति सूर्य ग्रहण होगा। भारतीय समयानुसार सुबह आठ बजे ग्रहण शुरू होगा और मोक्ष काल दोपहर 1.35 बजे होगा। भारत के दक्षिणी इलाकों में सूर्य ग्रहण कंकड़ा कृति के रूप में दिखाई देगा। भारत के अलावा मंगोलिया, चीन, रूस, जापान, आस्ट्रेलिया के उत्तरी क्षेत्र, तुर्की, पूर्वी अफ्रीका, पूर्वी अरब, हिंद महासागर, इंडोनेशिया, नेपाल, जापान, कोरिया आदि में दिखाई देगा। ज्योतिषी डॉ. होस्केरे के अनुसार कोई भी ग्रहण हो, उसका प्रभाव धरती के किसी न किसी भाग पर अवश्य पड़ता है। ग्रहण के प्रभाव से आंधी-तूफान, भूकंप समेत अन्य प्राकृतिक आपदाएं आती हैं।