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दोस्तों की समझदारी ने 22 वर्षीय युवक को स्थायी रूप से विकलांग होने से बचा लिया…

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इंदौर। दोस्तों की समझदारी ने 22 वर्षीय युवक को स्थायी रूप से विकलांग होने से बचा लिया। परिवार में अकेले कमाने वाले सांवेर के एक युवक का सीधा हाथ दुर्घटना में कोहनी के नीचे से कट गया था। घटना घटते ही साथियों ने एक निजी अस्पताल के डॉक्टर को फोन लगाया और कटे हाथ और मरीज को बताए गए सही तरीके से अस्पताल लेकर आए। दुर्घटना के 45 मिनट के अंदर ही उसके हाथ को अस्पताल पहुंचा दिया गया था और हाथ के आने के 15 मिनट बाद युवक को अस्पताल लाया गया। सारे शारीरिक परीक्षण के बाद युवक को ऑपरेशन थियेटर में ले जाया गया और सर्जरी शुरू हुई। चार घंटे चले ऑपरेशन में चिकित्सकों ने हाथ ही नहीं, उसकी जिंदगी की डोर को भी जोड़ दिया। सर्जरी करने वाले प्लास्टिक एंड माइक्रो वैस्कुलर सर्जन डॉ. निशांत खरे कहते हैं कि अमूमन इस तरह के केसेस में लोग कटे हुए अंग को सही तरीके से और सही समय पर अस्पताल लेकर नहीं आते। इसलिए उन्हें फिर जोड़ना कठिन हो जाता है। उल्लेखनीय है कि सांवेर की एक फैक्टरी में काम करने के दौरान युवक का हाथ कट गया था।

हादसे के तीन घंटे के भीतर बर्फ में रखकर कटा अंग अस्पताल पहुंचाएं

यदि मरीज के शरीर के किसी भी कटे हुए अंग को 3 घंटे के अंदर बर्फ में रखकर अस्पताल पहुंचा दिया जाए तो उसे जोड़ा जा सकता है। यह ध्यान रखना जरूरी है कि अंग को सीधे बर्फ के संपर्क में नहीं रखते हुए पॉलीथिन में रखना चाहिए। सीधे बर्फ के संपर्क में आने पर अंग गलने लगेगा। 6 घंटे के अंदर अंग यदि शरीर से जुड़ जाए तो उसका पहले की तरह काम करना संभव है। इस तरह के ऑपरेशन की तैयारी में समय लगता है। इसलिए मरीज को हर हाल में तीन घंटे के अंदर अस्पताल पहुंचाने का प्रयास किया जाना चाहिए।

चिकित्सकों के इस दल ने किया ऑपरेशन

डॉ. खरे के साथ ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ. संदीप अग्रवाल, डॉ. जुबीन सोनाने, डॉ. आशीष अग्रवाल और डॉ. ज्ञानेश पाटीदार की टीम ने मिलकर ऑपरेशन किया।

अंग-भंग की स्थिति में इन बातों का रखें ध्यान

– कटे हुए अंग को जल्दी से साफ प्लास्टिक बैग में रखकर उस बैग को बर्फ में रख दें, सीधे बर्फ के संपर्क में नहीं रखें।

– बहते हुए खून को रोकने के लिए घाव या नसों को कसकर बांध दें।

– तुरंत प्राथमिक चिकित्सालय जाएं।

– 6 घंटे के अंदर किसी बड़े अस्पताल में पहुंच कर रिप्लान्टेशन सर्जरी करवाएं।

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