प्याज पर आई महंगाई की मार इन दिनों आम उपभोक्ताओं की घर की रसोई से लेकर शादी-पार्टियों, होटलों और ठेले-खोमचे वालों में भी देखा जा रहा है। हालात यह हो गए है कि जो लोग पहले कम से कम दो किलो प्याज ले रहे थे। अब उनके द्वारा एक पाव, आधा किलो प्याज खरीदा जा रहा है और वह भी दो से तीन दिन के अंतराल में। गुरुवार को राजधानी के सस्ते प्याज काउंटरों में प्याज 70 रुपये किलो में बिकी और रिटेल बाजारों में 80 रुपये किलो में बिकी। गौरतलब है कि पहले बारिश की मार के चलते प्याज की फसल पूरी तरह से खराब हो गई। इसके चलते ही बाहर से आने वाला प्याज आधे से अधिक खराब था। प्याज की महंगाई के चलते हालात यह हो गए हैं कि घर की रसोई और खोमचे वालों ने भी प्याज की मात्रा घटा दी है। इन कारोबारियों के साथ ही घरों में भी प्याज का विकल्प तलाशा जा रहा है। नाश्ते के दाम नहीं बढ़े लेकिन इसके साथ दी जाने वाली प्याज गायब हो गई या काफी कम कर दी गई है। विशेषकर गुपचप, पावभाजी, पनीर चिली का मजा तो किरकिरा ही हो गया है। पनीर चिली में इन दिनों प्याज के स्थान पर शिमला मिर्च का ही ज्यादा प्रयोग किया जा रहा है। साथ ही होटलों में सलाद में प्याज के स्थान पर टमाटर, मूली,ककड़ी ज्यादा दी जा रही है। होटल कारोबारी राजेश कुमार का कहना है कि प्याज के विकल्प तलाशे जा रहे है और इनके उपयोग पर ही ज्यादा ध्यान है। प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी का यह असर भी देखने को आया है कि इन दिनों प्याज कारोबारी भी पुरान स्टॉक खत्म होने के बाद ही नया स्टॉक मंगा रहे है। कारोबारियों का कहना है कि ग्राहकी इन दिनों आम उपभोक्ताओं के साथ ही होटल कारोबारियों द्वारा खरीदी जाने वाली प्याज की डिमांड 70 फीसद तक कम हो गई है। इसके चलते पहले पुराना स्टॉक क्लीयर किया जा रहा है और उसके बाद ही नया स्टॉक मंगाया जा रहा है।