इंदौर। Madhya Pradesh Honey Trap Case हनीट्रैप मामले में हाई कोर्ट में चल रही जनहित याचिकाओं में बुधवार को सुनवाई हुई। एक आरोपित की तरफ से याचिकाओं में इंटरविनर आवेदन प्रस्तुत हुआ। इसमें कहा गया कि मामले से जुड़े ऑडियो वीडियो जमकर वायरल हो रहे हैं। इनसे प्रकरण की सुनवाई प्रभावित होने की आशंका है। इस पर कोर्ट ने सरकार से कहा कि जब ऑडियो-वीडियो जांच के लिए हैदराबाद भेजे हैं तो ये वायरल कैसे हो रहे हैं। हनीट्रैप मामले में तीन जनहित याचिकाएं हाई कोर्ट में चल रही हैं। पहली याचिका एडवोकेट निधि वोहरा ने दायर की है, दूसरी एडवोकेट डॉ. मनोहरलाल दलाल व एडवोकेट लोकेंद्र जोशी ने। इसी तरह तीसरी जनहित याचिका में एडवोकेट धर्मेंद्र चेलावत पैरवी कर रहे हैं। तीनों ही याचिकाओं में एसआईटी के गठन और इसके प्रमुख को बार-बार बदलने के सरकार के फैसले को चुनौती दी गई है।
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने शासन को आदेश दिया था कि वह एसआईटी प्रमुख को बदलने के संबंध में चली नोटशीट की कॉपी प्रस्तुत करे और बताए कि एसआईटी की जांच कहां तक पहुंची है। जांच के दौरान ही हनीट्रैप मामले से जुड़े कई ऑडियो-वीडियो सोशल मीडिया सहित अन्य मीडिया माध्यमों पर वायरल हो गए। मामले की एक आरोपित मोनिका ने एडवोकेट सुदर्शन जोशी के माध्यम से बुधवार को याचिकाओं में इंटरविनर आवेदन प्रस्तुत किया। इसमें कहा है कि एक तरफ तो सरकार कह रही है कि मामले से जुड़े ऑडियो-वीडियो जब्त कर फॉरेंसिंक जांच के लिए हैदराबाद स्थित लैब भेजे हैं, दूसरी तरफ सोशल मीडिया व अन्य मीडिया माध्यमों पर हनीट्रैप से जुड़े ऑडियो-वीडियो वायरल हो रहे हैं। जस्टिस एससी शर्मा और शैलेंद्र शुक्ला ने शासन को आदेश दिया कि वह इस मामले में जवाब दे। कोर्ट अब दो दिसंबर को होने वाली सुनवाई में अन्य मुद्दों के साथ इस मुद्दे पर भी सुनवाई करेगी। इसी दिन सरकार को नोटशीट के साथ मामले में स्टेटस रिपोर्ट भी पेश करना है।