रायपुर। पिछले तीन बार से कायाकल्प योजना के तहत रैंकिंग में भले ही एम्स चिकित्सकीय सुविधाएं और डॉक्टरों की कमी के चलते निचले पायदान पर पिछड़ गया हो, लेकिन स्वच्छता के मामले में अव्वल ही रहा। अभी तक तीन बार यानी 2016-17, 2017-18 और 2018-19 में सिर्फ सफाई के मामले 50-50 लाख के पुरस्कार हासिल किए। बहरहाल उस वक्त केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की गठित टीम रैंकिंग करने आई थी। उसने एम्स में चिकित्सकीय सुविधाओं और अन्य खामियों को दर्ज किया था, पर साफ-सफाई के मामले में एम्स ने टीम का दिल जीत लिया था। बहरहाल इस बार फिर 2019-20 के कायाकल्प योजना की रैंकिंग जांचने के लिए पांच सदस्यीय टीम 30 नवंबर को एम्स पहुंचेगी। इसके बाद टीम 10 बिंदुओं पर एम्स में जांच करेगी। वैसे इस बार एम्स प्रबंधन का दावा है कि बीते एक साल में चिकित्सकीय सुविधाओं में पहले की अपेक्षा बढ़ोतरी हुई है। ऐसे में रैंकिंग में और भी सुधार होने की गुंजाइश है। प्रथम पुरस्कार जीतने की राशि पांच करोड़, द्वितीय तीन करोड़ और तीसरे पुरस्कार के लिए एक करोड़ की राशि निर्धारित है। पिछले तीन बार से दिल्ली एम्स को ही प्रथम पुरस्कार मिल रहा है।