रायपुर। छत्तीसगढ़ में अब शिक्षकों की सीधी भर्ती(Direct Recruitment of Teachers) होगी। संभागीय शिक्षा अधिकारियों को व्याख्याताओं के विषयवार रिक्त पदों की जानकारी 30 नवंबर तक संचालक लोक शिक्षक को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए। स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ प्रेमसाय सिंह टेकाम ने बुधवार को शिक्षा विभाग के अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना है। बैठक में स्कूलों को आवंटित जमीन को राजस्व अभिलेख में दर्ज कराने, अधोसंरचना और मरम्मत के कार्यों को जल्द से जल्द पूरा करने, बरसात के कारण खराब हुए स्कूल के भवनों की मरम्मत और रंग-रोगन का निर्देश दिया गया।
व्यापमं द्वारा शिक्षकों की सीधी भर्ती के रिक्त पदों के चयन परीक्षा के परिणाम शीघ्र ही घोषित होने वाले हैं। इस संबंध में संभागीय संयुक्त संचालक शिक्षा और जिला शिक्षा अधिकारी भर्ती की प्रक्रिया के संबंध में आवश्यक तैयारियां कर लें। रिक्त पदों पर पदोन्नति में नए रोस्टर का पालन होगा। डॉ. टेकाम ने डीईओ से कहा कि मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम का स्कूलों में जाकर निरीक्षण किया जाए। मध्यान्ह भोजन साफ-सूथरी जगह बने और मीनू के अनुसार मिले। स्कूल के शिक्षक भी भोजन की गुणवत्ता को चखे। डॉ. टेकाम ने कहा कि विभाग द्वारा नवाचार के जो कार्य शिक्षकों से कराए जा रहे हैं, उन कार्यों की जानकारी जिला शिक्षा अधिकारी को भी रहनी चाहिए। शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता की दृष्टि से जितनी अधिक मेहनत करेंगे, उतनी अधिक रूचि लोगों की शिक्षा के प्रति बढ़ेगी। स्कूल शिक्षा मंत्री ने कोरिया जिले का उदाहरण देते हुए बताया कि जिले में 10वीं और 12वीं कक्षा के कमजोर बच्चों को कोचिंग देने का प्रयास शुरू किया गया है।
नवाचार के कार्य विभाग की भागीदारी से समाज में कमजोर लोगों को मुख्याधारा में लाने के लिए किए जा सकते हैं। प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा गौरव द्विवेदी ने कहा कि गुणवत्ता सुधार के लिए प्रदेश में नवाचार का उद्देश्य राज्य के बच्चों को राष्ट्रीय स्तर तक की किसी भी परिस्थिति का सामना करने के लिए तैयार करना है। द्विवेदी ने कहा कि छत्तीसगढ़ में कक्षा पहली से 8वीं तक एक साथ परीक्षाओं का आयोजन होगा। केंद्रीयकृत प्रश्नपत्र की तैयारी और कक्षा 9वीं से 12वीं तक की परीक्षाओं का प्रयास के प्रयास शुरू हुए हैं। प्रदेश में स्मार्ट क्लास का काम चल रहा है। बैठक में एस. प्रकाश, पी. दयानंद, वीके गोयल, सौरभ कुमार, अशोक चतुर्वेदी सहित अन्य मौजूद थे। शिक्षा का अधिकार अधिनियम, भवन निर्माण एवं मरम्मत, छात्रवृत्ति, टीम्स ऐप में डाटा एंट्री, शिक्षकों की एंट्री, यूडाईस, ई-मानक, की समीक्षा की गई। इसी प्रकार एससीईआरटी द्वारा तैयार पाठ्य पुस्तकों में क्यूआर कोड, मल्टीमीडिया टैक्स्ट बुक, राज्य स्तरीय आकलन, लर्निंग आऊट कम, समग्र शिक्षा में राष्ट्रीय अधिक अधिनियम के अंतर्गत ईग्नाइट अवार्ड में प्रविष्टी, सभी विद्यालयों में युवा और ईको क्लब की स्थापना, शाला विकास योजना, सगुनोत्सव की तैयारी और मुख्यमंत्री शहरी साक्षरता कार्यक्रम की समीक्षा कर निर्देश दिए गए।