मुंबई। मुंबई के मेयर का पद एक बार फिर शिवसेना को मिलना तय है, क्योंकि भाजपा ने देश की इस सबसे अमीर नगर निगम के महापौर पद पर प्रत्याशी नहीं उतारने का फैसला किया है। शिवसेना की प्रत्याशी किशोरी पेडणकर ने 22 नवंबर को होने वाले मेयर चुनाव के लिए सोमवार को नामांकन के अंतिम दिन अपना पर्चा दाखिल कर दिया। ज्ञात हो कि शिवसेना भाजपा के सहयोग से बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) पर दो दशकों से शासन कर रही है। बीएमसी में कुल 227 सीटें हैं। ये ही पार्षद महापौर चुनते हैं। वर्तमान में शिवसेना के पास 84 व भाजपा के पास 82 पार्षद हैं।
इससे पहले 2017 में भाजपा ने शिवसेना के विश्वनाथ महादेश्वर का महापौर पद पर समर्थन किया था। 2019 में महापौर की प्रत्याशी पेडणकर प्रभादेवी क्षेत्र से चार बार की पार्षद हैं। इससे पहले दिन में भाजपा विधायक आशीष शेलार ने कहा कि भाजपा ने मुंबई के मेयर का चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है। शेलार ने कहा कि उसके पास संख्या नहीं है और विपक्षी दलों के साथ जाकर अपनी विचारधारा से समझौता नहीं करना चाहती है। 2022 में भाजपा के पास संख्या होगी और तब भाजपा अपने दम पर मेयर चुनाव जीतेगी। गौरतलब है कि ग्रेटर मुंबई का नगर निगम, जिसे बृहन्मुंबई नगर निगम भी कहा जाता है, महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई की शासी नागरिक संस्था है। यह भारत का सबसे अमीर नगर निगम है। MCGM का वार्षिक बजट भारत के कुछ छोटे राज्यों से अधिक है।