रायपुर। छत्तीसगढ़ के पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, ओडिशा और झारखंड से धान की आवक को रोकने के लिए प्रदेश सरकार दर्जनभर जिलों में 60 चेकपोस्ट बनाए गए हैं। सभी चेकपोस्ट पर जिला प्रशासन और पुलिस के अलावा परिवहन विभाग के अमले को भी तैनात किया गया है। राज्य के मुख्य सचिव आरपी मंडल का कहना है कि छत्तीसगढ़ की सीमा पर कड़ी निगरानी की व्यवस्था की गई है। दूसरी तरफ, सरकार ने किसानों से औने-पौने दाम पर धान खरीदने वाले कोचियों की धरपकड़ के लिए मुखबिर लगाकर छापे मारे जा रहे हैं। प्रदेश सरकार एक दिसंबर से धान की खरीद शुरू करने जा रही है। पूरे देश में केवल छत्तीसगढ़ सरकार ही दूसरे राज्यों की तुलना में सबसे ज्यादा कीमत पर धान की खरीद करेगी। 25 सौ स्र्पये प्रति क्विंटल की दर से धान की खरीद होगी। इस कारण दूसरे राज्यों के किसान और कोचिये छत्तीसगढ़ में अपना धान बेचने की फिराक में हैं।
पड़ोसी राज्य ओडिशा, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और झारखंड से गुपचुप तरीके से धान लाकर यहां डम्प करने की कोशिश हो रही है। प्रशासनिक और पुलिस अमले ने सरगुजा, कवर्धा, बेमेतरा, राजनांदगांव और धमतरी जिले में दूसरे राज्यों से लाए गए धान को जब्त भी किया है। सरकार ने धान खरीद को जमीन में नमी का हवाला देकर 16 दिन आगे बढ़ा दिया है। पहले 15 नवंबर से धान की खरीद शुरू हो जाती थी। धान खरीद देर से शुरू हो रही है, इसलिए कोचिये सक्रिय हो गए हैं। किसानों के धान को औने-पौन दाम पर खरीदने की कोशिश है। पिछले दिनों धमतरी में कोचियों को धान बेचने का मामला सामने भी आया था। सरकार ने कोचियों को पकड़ने के लिए छापामार कार्रवाई शुरू कर दी है। बाहर से लाए जाने वाले धान को सीमावर्ती जिलों में स्टोर करके रखने पर पकड़े जाने का खतरा ज्यादा रहेगा। इस कारण प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि राज्य के बीच के जिलों में स्टोर करने का जुगाड़ किया जा रहा है। इसके लिए ऐसे स्थानों की व्यवस्था करने की कोशिश है, जहां संदेह न हो। जैसे कि दल्लीराजहरा के डौंडी से लगे गांव कुसुमकसा में एक हार्डवेयर गोदाम से 25 कट्टा धान जब्त किया गया है।