Home अत्याचार अपने ही 11 वर्षीय बेटे को लगा दी आग…

अपने ही 11 वर्षीय बेटे को लगा दी आग…

283
0

बिलासपुर । उसलापुर स्टेशन में खड़ी डोंगरगढ़-गेवरारोड पैसेंजर में पिता ने अपने 11 वर्षीय बेटे के कपड़े में आग लगा दी। दूसरे यात्रियों ने किसी तरह आग बुझाई। तब तक बालक गंभीर रूप से झुलस चुका था। आनन- फानन में उसे सिम्स भेजा गया। आरोपित पिता को गिरफ्तार कर जीआरपी थाने के हवाले कर दिया गया है। चुचुहियापारा क्रेन हादसे के चलते ट्रेनों का परिचालन अस्त-व्यस्त है। बुधवार को कई ट्रेनें बिलासपुर की जगह चकरभाठा और उसलापुर रेलवे स्टेशन समाप्त कर दी गईं। इसमें डोंगरगढ़-गेवरारोड मेमू लोकल भी शामिल थी। इसे उसलापुर में ही रद कर दिया गया। ट्रेन लाइन नंबर छह पर आकर खड़ी हुई। उस समय कुछ यात्री ट्रेन से उतर रहे तो कोई बैठे थे। इसी बीच रात 11 बजे यात्रियों को ट्रेन के अंदर से चिखने- चिल्लाने की आवाज आई।

पास मौजूद लोगों ने देखा एक बालक जल रहा था। उसके शर्ट में आग लगी थी। उसे जलता देख यात्रियों की भीड़ दौड़ी और किसी तरह आग को बुझा लिया गया। साथ ही जलते शर्ट को उतारा गया। घटना की खबर मिलते ही आरपीएफ व जीआरपी भी घटना स्थल पर पहुंची। तब तक उस बालक का सीना झुलस गया था और वह दर्द से बेचैन था। इस बीच आग लगाने वाले व्यक्ति को पकड़ लिया गया। साथ ही बालक को उपचार के लिए सिम्स भेजा गया। इसके बाद पकड़े गए व्यक्ति को आरपीएफ आउट पोस्ट लाया गया। पूछताछ में उसने अपना नाम मोहसीन खान उर्फ अनवर पिता मुन्ना खान हाजीमलंग, हिललाइन मुंबई महाराष्ट्र बताया। उसने अपने बेटे को माचिस से आग लगाने की जानकारी दी, जिसका नाम सुपेन खान(11) है।

पूछताछ में अजीबो-गरीब जवाब देने लगा। आरोपित पिता को जीआरपी थाने के सुपुर्द कर दिया गया। जीआरपी ने पिता के खिलाफ धारा 307 के तहत अपराध दर्ज कर लिया है। आरोपित को गुरुवार की शाम न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया। जीआरपी ने गुरुवार को सिम्स पहुंचकर बालक का बयान लेने पहुंची। हालांकि तकलीफ में होने के कारण वह ज्यादा कुछ नहीं बता पाया। उसने बताया कि पिता घूमाने लेकर जाने की बात कहकर घर से लाया था। ट्रेन में अचानक उसने आग लगा दी। इसकी वजह वह कुछ नहीं बता पाया। उसकी हालत में सुधार आने के बाद जीआरपी बयान लेगी। बालक के बयान से परिजन का पता चल गया है। हालांकि संपर्क नंबर नहीं होने के कारण उन तक घटना की जानकारी नहीं पहुंच पाई है। यह प्रयास है कि गांव के किसी व्यक्ति से बातचीत कर परिजन को सूचना दी जाए। यदि किसी तरह बात नहीं होगी तो जीआरपी की एक टीम मुंबई भेजी जाएगी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here