छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा शराब बेचा जा रहा है। फिर भी सरकार कर्जे में है
जिसमंे (छःग) के समान्य एवं गरीब तप के लोग बर्बाद हो रहे है जिसमे सरकार व सरकार के कर्मचारी माला माल हो रहें है । शराब की दुकान में देशी शराब भी बेची जा रही है यहां यह भी देखने को मिलता है। की पूरे (छःग) में सभी होटलो व भोजनालो व पान दुकान व चाय दुकानों में भी दवाई के नाम से सेवन करने वाले दुकानों से मांगते है। आबकारी विभाग के कर्मचारी एवं अधिकारी दुगनी दामों में बेचकर माला माल हो रहें है। ‘कहावत’ है कि शवाब व कवाब और नसेड़ी भेद भाव व पैसा का भाव नही देखते (छःग) शासन ने अपने नुमानदाव ने पैसे की कदर न करके (छःग) के भौपूवो को अनाप-सनाप पैसा देकर आवाज बढ़ाने का कार्य करना शुरू कर दिया है कुछ भौपूवों का दावा है कि बैकुण्ठपुर विधान सभा व मनेन्द्रगढ़ विधान सभा व जनकपुर और भरतपुर विधान सभाओं की टिकट का दावेदारी को दिलाने का दावा भरते है। क्योंकि (छःग) में ऐेसे बहुत से लोग है जिनको अंबिकापुर से रायपुर जाने के लिए रेलवे के स्टेशनों का ज्ञान नही बस या कार से जाने के लिए कितने विधान सभा व कितनी पंचायत पड़ती है। उन लोगो के द्वारा बड़े-बड़े कागज व बड़ी-बड़ी बातों में लोभाकर पैसा निकालने का कार्य करते है। जबकि आई.एस. और आई.पी.एस. को डामर की तरह पिघलाकर अपना स्र्वाथ सिद्ध कर लेते है।
ऐसंा किसी राज्यों में नही है।