रायपुर। ऑनलाइन (ई-कॉमर्स) वेबसाइटों पर मौत का सामान धड़ल्ले से बिक रहा है। राजधानी में एक के बाद एक घटनाओं ने इन वेबसाइटों पर हो रही बिक्री पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। बिना किसी लाइसेंस के प्रतिबंधित चाकू और तलवारें 10 से अधिक बड़ी-छोटी वेबसाइट होम डिलेवरी कर रही हैं। यह पुलिस विभाग के लिए बड़ी चुनौती साबित हो रही है। उल्लेखनीय है कि पुलिस विभाग के सामने कई चौंकाने वाले सच सामने आए हैं। पुलिस ने जांच में जब अपराधियों के घर सहित अन्य जगहों पर तलाशी ली तो चाकू और तलवार का जखीरा हाथ लगा जो ई-कॉमर्स वेबसाइट से खरीदे गए थे। कुछ साल पहले छोटी दुकानों में अपराधियों को चाकू मिल जाता था, लेकिन पुलिस की छापामार कार्रवाई ने दुकानों पर ताला लगा दिया। लेकिन ऑनलाइन बाजार पूरी तरह से खुला मंच है।
जिस साइज की डिमांड की जाती है उसे वकायदा घर तक पहुंचाया जा रहा। कंपनियां इससे बचने के पैंतरे भी अपना रही हैं। पैकिंग बॉक्स के ऊपर किचन का सामान या खिलौना लिख कर बेच रहे है। आर्म्स एक्ट के तहत सब्जी काटने वाला चाकू ही रखा जा सकता है, लेकिन वह बटन चाकू नहीं होना चाहिए। पांच इंच से अगर ज्यादा साइज का है तो यह अपराध की श्रेणी में आता है। राजधानी में हाल के दो महीने की बात करें तो गणेश उत्सव से लेकर नवरात्रि, दीपावली तक 10 से अधिक चाकू मारकर हत्या के मामले आए हैं। ये हत्याएं छोटी-छोटी नोक-झोंक और गाली देने पर हुई। बढ़ते अपराध को देखते हुए पुलिस ने सर्च अभियान चलाया अपराधिक रिकॉर्ड वालों की धरपकड़ की, जिसमें 50 से ज्यादा के पास से चाकू बरामद हुए। वहीं पुलिस ने रात में नशे में घूम रहे संदिग्धों की तलाशी ली तो उनके पास से भी चाकू बरामद हुआ। बटन चाकू, ट्रेकिंग और कैंपिंग चाकू, शिकार चाकू, जीवन रक्षा चाकू, सेल्फ डिफेंस चाकू, चाकू शार्पनर, स्प्रिंग चाकू सहित अन्य नामों से चाकू बिक रहे हैं। जिनकी कीमत 500 से लेकर 10 हजार तक है। साइज के लिए भी कोई पाबंदी नहीं है। पांच इंच से लेकर 15-20 इंच तक के चाकू की बिक्री हो रही।