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प्रदेश भर में औसत छह महिलाएं रोज टोल फ्री नंबर 181 पर घरेलू हिंसा, बलात्कार और अपहरण की शिकायतें करा रही हैं दर्ज….

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रायपुर। राजधानी समेत प्रदेश भर में औसत छह महिलाएं रोज टोल फ्री नंबर 181 पर घरेलू हिंसा, बलात्कार और अपहरण की शिकायतें दर्ज करा रही हैं। सबसे दिलचस्प बात है कि आधी महिलाएं अपने केस वापस भी ले रही हैं। विशेषज्ञों की मानें तो महिलाओं को सामाजिक दबाव झेलना पड़ रहा है इसलिए वह केस वापस ले रही हैं।राजधानी से संचालित 181 टोल फ्री नंबर पर 25 जून 2016 से 29 मई 2019 तक पंजीकृत केस के आंकड़ों को देखें तो कुल 6148 केस पंजीकृत हुए हैं। इनमें 3354 केस को खुद महिलाओं ने वापस लेकर क्लोज करा दिया है।

अभी भी विभाग के पास करीब 3000 केस हैं। इनमें सखी सेंटर पर 1285 और 181 पर 1512 केस शामिल हैं। गौरतलब है कि प्रदेश में महिला हिंसा को रोकने के लिए राजधानी के शैलेंद्र नगर में टोल फ्री नंबर 181 का संचालन पिछले तीन साल से किया जा रहा है। 99 प्रतिशत महिलाओं को पता ही नहीं चल पाता कि उनके साथ किस तरह का अपराध किया जा रहा है। सबसे पहले 181 की टीम उन्हें काउंसिलिंग और परामर्श के लिए ले जाती है। न्यायालय में क्या-क्या विकल्प है और उन्हें किस तरह के विधिक सहायता मिल सकती है इसके लिए भी जानकारी देते हैं। टोल फ्री नंबर 181 पर चौबीस घंटे लोगों को मदद मिलती है। छत्तीसगढ़ में 25 जून 2016 से महिलाओं के लिए टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर 181-सखी की शुरुआत हुई। प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों के मद्देनजर यह हेल्पलाइन शुरू करने का मकसद था कि हर तरह के अपराध के खिलाफ महिलाओं की मदद करना।

खतरे की स्थिति में सुरक्षा के साथ महिलाएं किसी भी प्रकार की सहायता के लिए इस हेल्पलाइन का उपयोग कर सकती हैं।इसमें आपातकालीन चिकित्सा और तत्कालीन पारिवारिक परामर्श की आवश्यकता भी शामिल है। यह सेवा महिला पुलिस स्टेशनों, राज्य महिला आयोग, परिवार परामर्श केंद्र, गैर-सरकारी संगठनों, कानूनी सेवा केंद्रों, आश्रम घरों, चिकित्सा और कानूनी विशेषज्ञों के साथ एकीकृत है। टोल फ्री नंबर 181 में एक मामला ऐसा भी आया था जिसमें महिला का रेप हुआ था । उसका मामला पुलिस थाने वाले पंजीकृत ही नहीं कर रहे थे। 181 की टीम ने उस महिला से बात की तब पता चला कि महिला को सालों से पड़ोसी परेशान करता था। बाद में हस्तक्षेप के बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया। टोल फ्री नंबर 181 में दहेत प्रताड़ना के भी मामले अधिक आ रहे हैं। यहां की टीम कई बहुओं को आत्महत्या करने से बचा लिया। यह टीम मौके पर पहुंचकर भी महिलाओं को सहायता दे रही है।

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