बिलासपुर। हनी ट्रैप मामले में आरोपित प्रीति तिवारी को हाई कोर्ट की सिंगल बेेंच ने नियमित जमानत दे दी है। प्रीति ने अपने जमानत आवेदन में तबीयत खराब होने को कारण बताया था। गुुस्र्वार को जस्टिस रजनी दुबे की सिंगल बेंच में सुनवाई हुई । छत्तीसगढ़ के हनी ट्रैप मामले की आरोपित प्रीति तिवारी के खिलाफ पुलिस ने भादवि की धारा 384/34 के तहत अपराध दर्ज कर गिरफ्तार करते हुए जेल में बंद कर दिया था।
बीते एक महीने से भी अधिक समय से प्रीति जेल में बंद है। प्रीति ने वकील रजत अग्रवाल के जरिए हाई कोर्ट में जमानत के लिए याचिका पेश की थी। अपनी याचिका में प्रीति ने एक महीने से भी अधिक समय तक जेल में बंद रहने के अलावा पुलिस द्वारा चार्ज शीट दाखिल करने की बात कही थी। जेल में बंद रहने के दौरान तबीयत बिगड़ने का हवाला देते हुए इलाज के लिए जमानत देने की गुहार लगाई थी। जस्टिस रजनी दुबे ने जमानत याचिका को स्वीकार करते हुए याचिकाकर्ता प्रीति को नियमित जमानत पर छोड़ने के निर्देश दिए हैं। मालूम हो कि प्रीति ने राजधानी रायपुर में कारोबारी को हनीट्रैप में फंसा कर करोड़ों रुपये वसूल लिए थे। शिकायत के बाद पुलिस ने पूरा जाल बिछाकर ट्रेप किया था।
ब्लैकमेलिंग के तहत जब उसने रकम की मांग की तब पुलिस के अधिकारी ने सादे वेश में आरोपित युवती प्रीति तिवारी को 50 लाख रुपये देने के लिए कचना रेलवे क्रासिंग के पास आने कहा और प्रीति के आते ही उसे गिरफ्तार कर लिया था। इस मामले में एक और चौंकाने वाला खुलासा हुआ। मेडिकल की पढ़ाई कर रही छात्रा प्रीति तिवारी अपने मंगेतर रिंकू शर्मा के साथ मिलकर ब्लैकमेलिंग का काम करती थी। प्रीति के भोपाल और दिल्ली में कनेक्शन होने की बात सामने आई है। मामले में मंगेतर समेत चार अन्य लोग भी शामिल हैं। प्रीति अपने खूबसूरती की जाल में फंसाकर कारोबारी चेतन शाह से एक-एक कर करीब एक करोड़ 38 लाख 51 हजार रुपये वसूल चुकी थी. इतना ही नहीं कारोबारी से दो कार ले चुकी थी । ब्लैकमेलिंग कर वसूले पैसों से ज्वेलरी खरीदी थी ।