बुजुर्गों को तीर्थयात्रा के नाम पर छत्तीसगढ़ सरकार को साढ़े नौ करोड़ का चूना लगा है। छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री तीर्थयात्रा योजना में घोटाले का खुलासा सूचना के अधिकार में मिली जानकारी में हुआ है। अधिकारियों ने आइआरसीटीसी को अग्रिम भुगतान किया। 115 करोड़ का भुगतान करने के कारण सरकार को छह करोड़ ब्याज की हानि भी हुई। आरटीआई कार्यकर्ता कुणाल शुक्ला ने दस्तावेजों के आधार पर आरोप लगाया कि अफसरों ने आईआरसीटी को एडवांस देकर ब्याज का घाटा कराया है।
मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना में वर्ष 2012 से 2015 के बीच 94 हजार से ज्यादा बुजुर्गों को देवस्थलों की यात्रा कराई गई। शुक्ला ने आरोप लगाया कि यात्रा के नाम पर नौ करोड़ 64 लाख रुपए का गबन किया गया। बुजुर्गों को तीर्थ यात्रा कराने का जिम्मा समाज कल्याण विभाग को है। विभाग ने आरटीआई में जानकारी दी कि अविवेकपूर्ण तरीके से आईआरसीटी को पैसे देने के कारण छत्तीसगढ़ सरकार को 5.90 करोड़ रुपए की हानि हुई थी।
आईआरसीटी के साथ विभाग का जो एमओयू हुआ था, उसमें यात्रियों का दुर्घटना बीमा किया जाना था। लेकिन जांच में पाया गया कि बीमा नहीं किया गया। यह एक बड़ी लापरवाही रही अधिकारियों ने भी इसकी जांच नहीं की कि यात्रियों का बीमा किया गया या नहीं। इस मामले में सर्विस टैक्स के भुगतान में भी गड़बड़ी पाई गई है। अधिकारियों ने एडवांस भुगतान की जानकारी भी नहीं दी। यहां तक की विभाग की रोकड़ पुस्तिका में भी इसका उल्लेख नहीं किया गया।