नहाय-खाय के साथ सूर्यदेव की उपासना औ लोक आस्था का चार दिवसीय महापर्व छठ 31 अक्टूबर यानि आज से शुरू हो जाएगा। जगन्नाथ मंदिर के पुजारी सौरभ कुमार मिश्रा ने बताया कि कार्तिक शुक्ल पक्ष के षष्ठी और सप्तमी तिथि को छठ पर्व मनाया जाता है।
चार
दिवसीय महापर्व की शुरुआत गुरुवार को नहाय-खाय के साथ होगा। इस दिन श्रद्धालु गंगा
स्नान कर घर में सिंधा नमक, कद्दू की
सब्जी और अरवा चावल पका कर प्रसाद के रूप में ग्रहण करेंगे। दूसरे दिन एक नवंबर को
खरना का व्रत होगा। तीसरे दिन डूबते हुए सूर्य और चौथे दिन उगते हुए सूर्य को
गंगाजल और दूध से अर्घ्य दिया जाएगा।
यह पर्व कुष्ठ रोग से मुक्ति, आरोग्यता, संतान की प्राप्ति और अन्य मनोवांछित फल प्राप्ति के
लिए श्रद्धालु करते हैं। संकटमोचन दरबार के पंडित चंद्रशेखर झा ने बताया कि छठ के
दौरान व्रती 36 घंटे का निर्जला व्रत करती हैं।
शाम तक गंगा स्नान के लिए लगी रही भीड़
बरारी पुल और सीढ़ी घाट में बुधवार की शाम तक गंगा
स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही। इस दौरान बांका, पूर्णिया, अररिया, जोगबनी, नवगछिया, बिहपुर, गोपालपुर, गोड्डा आदि कई जगहों से श्रद्धालु पहुंचे थे। घाटों
के पास कई दुकानें और गाड़ियां लगने के कारण जाम से भी लोग परेशान रहे। मंगलवार की
तुलना में बुधवार को श्रद्धालुओं की काफी भीड़ थी। पुल घाट छठ घाट समिति के
अध्यक्ष नवीन सिंह कुशवाहा का दावा है कि 50 हजार से अधिक लोगों ने
गंगा स्नान किया। भीड़ छह बजे शाम के बाद ही कम हुआ।