जिला कोरिया. मुख्यालय बैकुण्ठपुर में पुलिस द्वारा कभी भी बिना जांच के एफ.आई.आर. दर्ज कर ली जाती है। जैसे- मुख्तार अहमद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जो कोरिया जिले से बाहर थे। विवादित जमीन को लेकर उनके सुपुत्र ने थाने में लिखित रूप से शिकायत किया तो अनावेदक के ऊपर एफ.आई.आर. दर्ज क्यों नहीं किया गया? झुठा रिपोर्ट बनाकर नजीर अहमद ने थाने में मुख्तार अहमद के खिलाफ दिया तो मुख्तार के ऊपर अपराध पंजीयन कर लिया गया।
जबकि जांच के बाद पंजीयन होना चाहिये। पर ये पुलिस का सौतेला व्यवहार कैसा है? जो कि निलेश तिवारी द्वारा पुलिस लाइन में गाड़ी को ना लगाने पर रमेश साहू के ऊपर शासन के कार्य में बाधा डाला गया। और साथ में आफिस में घुसकर मार-पीट भी किया गया। तथा थाने में लिखित रूप से रिपोर्ट दिया गया उसके बावजूद भी केस पंजीयन क्यो नहीं किया गया?
इससे साबित होता है कि निलेश तिवारी को पुलिस का संरक्षण मिला हुआ है। क्योंकि वाहन जरजर जो कि कहीं भी जाये वहीं खड़ी हो जाए. उसका पैसा पुलिस को अपना भय दिखाकर निकाला गया। बैकुण्ठपुर की पुलिस का दोहरा पन लोगों के समझ से परे है। इस संबंध में पुलिस मुख्यालय रायपुर महानिर्देशक को अवगत कराया जा रहा है कि पुलिस की ड्रेस में एक आम आदमी कार्यालय में घुंसकर पुलिस के व्यक्ति को मारे तो पुलिस विभाग के लिए कितनी अशोभनीय बात है। ये पुलिस की ड्रेस लात-जूते खाने के लिए नहीं है बल्कि देश की रक्षा करने के लिए है।
शर्म करो नहीं तो चुल्लू भर पानी में डूब मरो।….