जिला कोरिया बैकुण्ठपुर. तहसीलदार (रिचा सिंह) ने पटवारी (शिल्पी गुप्ता) से कुछ जानकारी मांगी। जानकारी ना देने पर बैकुण्ठपुर के पटवारी द्वारा रिचा सिंह से मोबाइल छिन लिया। और तहसीलदार को पटवारी ने हिदायत दिया कि तुम मुझे नहीं जानती हो मैं प्रदीप गुप्ता की भतिजी हूंं। मेरे चाचा कांग्रेस के जिला महामंत्री हैं। एवं संसद प्रतिनिधि भी हैं। मैं तहसीलदार को बैकुण्ठपुर जिले में नहीं रहने दूंगी। और तहसीलदार से अपशब्दों का भी उपयोग किया गया।
कोरिया कलेक्टर को तहसीलदार के संबंध में शिकायत किया गया है जिसमें नामांतरण किसानों के खाते का बटवारा परिवर्तन एवं गौसेवा के नाम से 3000 रूपये तहसीलदार द्वारा लिया जाता है। जब तहसीलदार द्वारा पैसा लिया गया तब पूर्व में कोरिया कलेक्टर से तहसीलदार की शिकायत क्यों नहीं की गई? आज देखा जाए तो पटवारियों से आम जनता त्रस्त हो चुकी है। ये अपनी जात-पात का नारा लगाए हुए हैं, शिल्पी गुप्ता का समाज एक हो चुका है।
तहसीलदार का बयान यह है कि मेरे यहां ना तो गाय है और ना ही भैंस है। तो मैं चारे के लिए पैसा क्यों लूंगी? और मेरे ऊपर जो इल्जाम लगाया गया है वह असत्य है व मनगणंत है। हिदायत दिया गया कि अगर कोई भी पटवारी समय पर काम नहीं करेगा तो मैं उसके फिलाफ कार्यवाही करने में बिलकुल नहीं हिचकुंगी। कुछ पटवारी जो आंदोलन कर रहे हैं वो कांग्रेस के दबाव में कर रहे हैं। प्रशासन ने तहसीलदार का सहयोग नहीं किया तो ये लोग शासकीय जमीन को भी अपने नाम पर करवा सकते हैं।