रायपुर . सिमी के सदस्य अजहरुद्दीन उर्फ अजहर का इंडियन मुजाहिदीन से कनेक्शन खुला है। उसने पटना बोधगया ब्लास्ट में शामिल अजहर कुरैशी से कई बार बात की। उसे हथियार खरीदने के लिए दस हजार रुपए दिए। अजहर से यूपी के कुछ लोगों ने पिस्टल के लिए संपर्क किया था। पुलिस की पूछताछ में ऐसे कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। पुलिस ने अजहर को पूछताछ के लिए दो दिन की पुलिस रिमांड पर लिया है। उसे शनिवार शाम एनआईए कोर्ट बिलासपुर कोर्ट में पेश किया गया था। अजहर को पांच सालों से एटीएस रायपुर तलाश कर रही थी। शुक्रवार को उसके आने की सूचना मिली तो एसएसपी शेख आरिफ हुसैन और एटीएस एसपी दीपमाला कश्यप की संयुक्त टीम ने हैदराबाद एयरपोर्ट पर घेराबंदी कर आरोपी को पकड़ा।
एसएसपी आरिफ ने शनिवार को खुलासा करते हुए बताया कि 2013 में एटीएस और रायपुर पुलिस ने छापा मारकर 17 सिमी कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया था। उसी दौरान मौदहापारा के अजहरुद्दीन उर्फ अजहर उर्फ केमिकल अली का नाम सामने आया। उसी समय वह भाग निकला। आरोपी दवाई बेचने का काम करता था। उसके भागने के बाद परिजन संजय नगर शिफ्ट हो गए। उसका बड़ा भाई छत्तीसगढ़ पुलिस में हैं।
वर्किंग वीजा पर गया सउदी अरब : राजातालाब और संजय नगर में छापे के बाद अजहर भागकर दो दिनों तक नागपुर में छिपा रहा। उसके बाद रिश्तेदार के घर यूपी चला गया। वहां एक महीने तक छिपा रहा, फिर दुर्ग आया और वहां फर्जी मेडिकल रिपोर्ट तैयार की। उसे आधार पर पासपोर्ट बनवाया। फिर वर्किंग वीजा लेकर सउदी चला गया। वहां छोटा-मोटा काम करता रहा। छह साल वहीं गुजारे।
सिमी कार्यकर्ताओं की कराई 15 तकरीर : सिमी के कार्यकर्ताओं ने 2012-2013 में छत्तीसगढ़ में कई बैठक ली थी। उनकी तकरीरें भी हुई। अजहर ने सिमी के सदस्यों के लिए 15 तकरीर आयोजित की। उनके ठहरने और आने-जाने के लिए संसाधन की व्यवस्था कराई। इसके लिए उसे पैसे भी मिले थे। वह पटना बोधगया ब्लास्ट में शामिल लोगों को संसाधन उपलब्ध करता था। ब्लास्ट में शामिल अजहर कुरैशी से उसकी सीधी बातचीत थी, जो इंडियन मुजाहिद्दीन का सक्रिय सदस्य है। आरोपी उनके साथ 2013 में अफगानिस्तान भागने की तैयारी में था। वह वहीं शिफ्ट होने वाला था, कि उससे पहले पुलिस ने छापा मार दिया। तत्कालीन गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की अंबिकापुर सभा में मारने की साजिश में भी शामिल था। पुलिस के अनुसार आरोपी के खिलाफ कई सबूत मिले हैं।