रायपुर। खारुन नदी को स्वच्छ रखने के लिए पिछले दो साल से नगर निगम द्वारा बनाए गए कुंड में विसर्जन किया जा रहा है। निगम द्वारा मूर्ति विसर्जन के लिए पांच करोड़ का कुंड बनाया गया है। कुंड बनने से इस वर्ष गणेश प्रतिमा विसर्जन के दौरान करीब 20 टन मिट्टी और कचरा खारुन में जाने से बचा ली। इसके साथ ही कुंड से निकल रहे ढांचों को भी नीलाम करके निगम ने तीन लाख रुपये का राजस्व प्राप्त किया है।वहीं कुंड से निकाली गई मिट्टी मूर्तिकारों को देने के लिए रखी गई है। इससे मूर्तिकारों के सामने मिट्टी का संकट भी खत्म हो गया है। मूर्तिकार आसानी से मिट्टी ले जा सकते हैं। मूर्तिकारों के ले जाने के बाद बची हुई मिट्टी को निगम जरूरत की जगहों पर पाटने का काम करेगा। निगम के अधिकारी का कहना है कि विसर्जन के दौरान निकली मिट्टी मूर्तिकारों के लिए रखा गया है।ज्ञात हो कि राजधानी में इस वर्ष गणेश विसर्जन के दौरान छोटी 1114 तथा 5592 बड़ी मूर्ति का विसर्जन किया गया है। निगम गणेश प्रतिमा विसर्जन के बाद दुर्गा प्रतिमा बनाने वाले मूर्तिकारों को मिट्टी दिया था। इसी मिट्टी से मूर्तिकारों ने दुर्गा की प्रतिमा बनाई थी। इस वर्ष करीब 581 दुर्गा प्रतिमा का विसर्जन किया गया है।प्रतिमाओं के विसर्जन के बाद कुंड से करीब 20 टन मिट्टी निकली है। निगम द्वारा मूर्ति से निकलने वाली मिट्टी को कुंड के बाहर रखा गया है। वहीं मूर्ति के ढांचे से निकलने वाले लोहे और लकड़ी को निगम द्वारा नीलाम किया गया है।
मूर्तिकारों को मिट्टी के लिए नहीं पड़ेगा भटकना – निगम की इस योजना से राजधानी एवं उसके आसपास के मूर्तिकारों को मिट्टी के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। क्योंकि निगम द्वारा उनके रोजगार को देखते हुए तथा मिट्टी की किल्लत को देखते हुए विसर्जन के दौरान निकलने वाली मिट्टी को मूर्तिकारों को देने का निर्णय लिया है।मूर्तिकारों को काली मिट्टी बाहर से लानी पड़ती है, जो काफी मशक्कत के बाद मिलती है। इसके साथ ही उनको मिट्टी का दाम भी अधिक चुकाना पड़ता है। कुंड से मिट्टी मिलने पर मूर्तिकारों का जहां खर्च बचेगा वहीं शहर में ही उन्हें आसानी से काली मिट्टी मिल जाएगी। निगम के अधिकारी का कहना है कि मूर्तिकारों को ले जाने के बाद बची हुई मिट्टी को निगम खाली पड़ी जमीन पर मिट्टी पाटने का काम किया जाएगा।