कोरिया. प्राप्त जानकारी के अनुसार, बैकुण्ठपुर के द इंडीयन पब्लिक स्कूल में बच्चों के लिए ना तो प्ले ग्राउंड है, ओर यहां तक कि कक्षाओं में ना तो पंखा है ना ही लाइट है, ऐसे में बच्चों का ध्यान पढ़ाई की ओर कैसे केंद्रित होगा? ऐसे में ना तो बच्चों की पढ़ाई ढंग से हो पाएगी ना ही उनकी सेहत ठीक रह पाएगी। स्कूल खड़ी किये अभी कुछ ही दिन हुए हैं और अपनी धरम पत्नि को शासकीय पद पर सर्विस दिला दिया। सोचने वाली बात यह है कि जो व्यक्ति बाहर का निवासी है जिसकी यहां जमीन तक नहीं है उनका निवास प्रमाण पत्र कैसे बन गया? और उनकी धरम पत्नि को शासकीय पद पर सर्विस कैसे मिल गई? जिला शिक्षा अधिकारी को इसपर ध्यान देना चाहिए।