रायपुर । छत्तीसगढ़ ने एक बार फिर राष्ट्रीय स्तर पर अपनी श्रेष्ठता साबित की है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली द्वारा हाल ही में देश भर में संचालित 625 कृषि विज्ञान केंद्रों की उनके कामकाज के मूल्यांकन के आधार पर रेटिंग सूची जारी की गई है। रेटिंग में छत्तीसगढ़ के 12 कृषि विज्ञान केंद्रों को ए ग्रेड मिला है। इसके अलावा 8 कृषि विज्ञान केंद्रों को बी श्रेणी में रखा गया है। सी और डी श्रेणी में छत्तीसगढ़ का कोई भी कृषि विज्ञान केंद्र नहीं है। इस सूची में 12वीं पंचवर्षीय योजना तक शुरू किए गए कृषि विज्ञान केंद्रों को ही शामिल किया गया है। उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में संचालित 27 कृषि विज्ञान केंद्रों का संचालन इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर द्वारा किया जा रहा है। इनमें से छह कृषि विज्ञान केंद्र 13वीं पंचवर्षीय योजना के तहत खोले गए हैं, जिन्हें इस सूची में शामिल नहीं किया गया है।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आइसीएआर) नई दिल्ली द्वारा जारी कृषि विज्ञान केंद्रों की रेटिंग सूची में छत्तीसगढ़ के बलरामपुर, बस्तर, दंतेवाड़ा, धमतरी, जांजगीर-चांपा, कबीरधाम, कोरिया, नारायणपुर, रायगढ़, राजनांदगांव, सूरजपुर और कांकेर कृषि विज्ञान केंद्रों को ए श्रेणी में रखा गया है, जबकि भाटापारा-बलौदाबाजार, बीजापुर, बिलासपुर, दुर्ग, गरियाबंद, जशपुर, कोरबा और महासमंुद कृषि विज्ञान केंद्रों को बी श्रेणी में रखा गया है।
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एसके पाटील ने बताया कि कृषि विज्ञान केंद्रों की यह रेटिंग उनके द्वारा पिछले पांच वर्षों में किए गए कार्यों के मूल्यांकन के आधार पर जारी की जाती है। इनके मूल्यांकन में अधोसंरचना पर 15 प्रतिशत अंक, तकनीकी आकलन प्रसार एवं प्रशिक्षण पर 35 प्रतिशत अंक, मुख्य गतिविधियों के प्रभाव पर 30 प्रतिशत अंक तथा सहायक गतिविधियों एवं पुरस्कारों पर 20 प्रतिशत अंक रखे गए हैं।
12 केवी को मिले 76 अंक
कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा किए गए मूल्यांकन में 76 से 100 प्रतिशत अंक पाने वाले कृषि विज्ञान केंद्रों को ए श्रेणी में शामिल किया है। 51 से 75 प्रतिशत अंक पाने वाले कृषि विज्ञान केंद्रों को बी श्रेणी में, 26 से 50 प्रतिशत अंक पाने वाले कृषि विज्ञान केंद्रों को सी श्रेणी में और 0 से 25 प्रतिशत अंक पाने वाले कृषि विज्ञान केंद्रों को डी श्रेणी में रखा गया है। ताजा रेटिंग में ए एवं बी श्रेणी में स्थान प्राप्त करने वाले कृषि विज्ञान केन्द्रों को कुलपति ने बधाई दी है।