रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने निर्वाचन कार्य के दौरान दुर्घटना या मौत की स्थिति में दी जाने वाली अनुग्रह राशि को बढ़ा दिया है। अब मृतक के परिजनों को 30 लाख स्र्पये तक मुआवजा मिलेगा। वहीं, स्थायी अपंगता की स्थिति में दी जाने वाली अनुग्रह राशि की अधिकतम सीमा 10 से बढ़ाकर 15 लाख स्र्पये कर दी गई है। इसके लिए सरकार ने छत्तीसगढ़ राज्य अनुग्रह प्रतिकर भुगतान नियम 2009 में संशोधन किया है।
अफसरों ने बताया कि चुनाव ड्यूटी में तैनात कर्मचारी या अधिकारी की किसी भी दशा में मृत्यु होने पर मृतक के परिवार के सदस्यों को अभी तक 10 लाख रुपये मुआवजा दिया जाता है। इसे बढ़कर 15 लाख स्र्पये कर दिया गया है। यदि मृत्यु नक्सली हिंसा या इसी प्रकृति की हिंसा में होती है तो मुआवजे की राशि 20 लाख से बढ़ाकर 30 लाख स्र्पये कर दी गई हैै।
यदि अधिकारियों, कर्मचारियों की दुर्घटना के कारण स्थाई अपंगता होती है तो उन्हें अब साढ़े सात लाख स्र्पये मुआवजा मिलेगा। अब तक पांच लाख स्र्पये मिलता था। इसी तरह नक्सली हिंसा या इसी प्रकृति की घटना के कारण अपंगता की स्थिति में अब 10 के स्थान पर 15 लाख स्र्पये मिलेगा।
अफसरों ने बताया कि चुनाव ड्यूटी में शामिल सभी शासकीय और अशासकीय कर्मचारी जो मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी या जिला निर्वाचन अधिकारी के अनुमोदन से कर्तव्य में नियोजित किए गए है, अनुग्रह क्षतिपूर्ति के लिए पात्र होंगे। इसमें सुरक्षा कार्य के लिए नियुक्त केंद्रीय पुलिस बल, राज्य पुलिस बल और संबंधित माइक्रो आब्जवर्स व अधिगृहित बसों के स्टाफ भी इन नियमों के प्रायोजन के कर्मचारी माने जाएंगे।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के अधिकांश जिले नक्सलवाद से प्रभावित हैं और चुनाव के दौरान इन इलाकों में नक्सल वारदात बढ़ जाती है। ऐसे में सुरक्षा में तैनात जवान भी ड्यूटी के दौरान काफी तनाव में रहते हैं।