कोरिया. कोरिया जिले में भ्रष्टाचारी का मामला प्रकाशित हुआ है। अपने आप को मिनी विधायक बताने वाले आशीष डबरे के द्वारा आर.ई.एस. विभाग ने करोड़ों का फर्जी बिल लगाकर एवं आदिवासी विकास विभाग के इंजीनियर विष्णु दत्त गुप्ता पर दबाव बनाया। टेंडर में जिस पत्थर का जिक्र था, उस पत्थर को ना लगाकर घटिया किस्म के पत्थर को लगा दिया। इंजीनियर ने पत्थर को लेकर बिल पर रोक लगा दी। इस बात को लेकर इंजीनियर को एक दुकान से खींचकर उसके साथ गाली-गलोज व मारपीट एवं अपहरण का जिक्र सामने आया है। इंजीनियर ने कलेक्टर बैकुण्ठपुर पुलिस अधीक्षक को शिकायत किया। एवं पुलिस अधीक्षक के कार्यालय में शौचालय के लिए 5 लाख का ठेका भी लिया। जिसमें शौचालय का गड्डा भी पुराना है एवं दिवारें भी पुरानी है।
सूचना के तहत इसकी जानकारी मांगी गयी थी। माह बीत गया लेकिन पुलिस अधीक्षक के जनसूचना अधिकारी के द्वारा ना तो इंस्टीमेंट ना ही तो नक्से की भी जानकारी दी गई। प्रशासन द्वारा इतनी बड़ी चूक एवं भ्रष्टाचारी को बढ़ावा देने का प्रमाण है। मुख्यमंत्री निवास से इसकी जांच कर कार्यवाही करने के लिए पुलिस अधीक्षक को नियुक्त किया गया है। देखना यह है कि प्रशासन अपनी कार्यवाही के लिए मुस्तैर है या नहीं। प्रशासन अपनी नौकरी को बचाता है या आशीष डबरे को।
यह सच्चाई है कि कुछ ही दिनों में आशीष डबरे की करोड़ों की संपत्ति वटवृक्ष की तरह फल-फूल रही है। ये भी सत्य है कि प्रशासन निष्पक्षता से कार्यवाही नहीं कर सकती। क्योंकि पुलिस विभाग के कुछ अधिकारियों द्वारा एक महिला के साथ खड़गवां विभाग में अनाचार प्रकाश में आया था पर विभाग ने गंदे कारनामों को अपने विभाग में ही छुपा लिया जबकि महिलाओं के सम्मान के लिए मुख्यमंत्री बढ़ा-चड़ा कर बयान करते हैं। पर उनकी सत्ता में ऐसा कृत्य अशोभनीय है।