कोरबा । दुनिया की पहली चलित रेल अस्पताल लाइफ-लाइऩ एक्सप्रेस 12 अक्टूबर से दो नवंबर तक कोरबा रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर रहकर कोरबावासियों का पूरी तरह निःशुल्क इलाज करेगी। सात सुसज्जित बोगी वाले चलित रेल अस्पताल के विशेषज्ञ डाक्टरों द्वारा स्तन एवं सर्वाइकल कैंसर, मुंह के कैंसर की जांच एवं उपचार के साथ-साथ प्लास्टिक सर्जरी एवं दांतों के रोगों का भी इलाज किया जाएगा। कोरबावासियों को इस रेल अस्पताल में मोतियाबिंद, कटे-फटे होंठो, हड्डी से संबंधित विकारों, जलने से हुए विकारों से लेकर कान के आपरेशन तक की सुविधा निःशुल्क मिलेगी। लाइफलाइन एक्सप्रेस में प्रशिक्षित एवं विशेषज्ञ डाक्टरों द्वारा ब्लडप्रेशर, डायबिटीज, मिर्गी जैसे रोगों का भी इलाज होगा।
कलेक्टर किरण कौशल ने लाइफलाइन एक्सप्रेस के माध्यम से दी जाने वाली स्वास्थ्य सेवाओं का अधिक से अधिक लोगों को लाभ दिलाने के लिए सभी जरूरी तैयारियां और व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को दिए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों से मरीजों को इलाज के लिए लाइफलाइऩ एक्सप्रेस तक लाने की भी निःशुल्क व्यवस्था की जा रही है।
लाइफलाइन एक्सप्रेस में होने वाले इलाज से संबंधित मरीजों की पहचान का अभियान भी ग्राम स्तर पर चलाया जा रहा है। कटे-फटे होंठ, मोतियाबिंद, हड्डियों के विकार, कान की बीमारी से लेकर बीपी, शूगर, मिर्गी और दांत के रोगों से पीड़ित मरीजों की पहचान पहले ही कर ली जा रही है ताकि 12 अक्टूबर से उन्हें इलाज के लिए लाइफलाइन एक्सप्रेस तक पहुंचाया जा सके।
स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और मीतानीनों के माध्यम से सभी गांवों में घर-घर जाकर लाइफलाइन एक्सप्रेस की सुविधाओं के बारे में लोगों को बताया जा रहा है। लाइफ-लाइन एक्सप्रेस में अपना इलाज कराने आने वाले मरीजों और उनके परिजनों के ठहरने के लिए भी आवासीय व्यवस्था जिला प्रशासन स्तर पर नगर पालिक निगम कोरबा द्वारा की जा रही है।
इस व्यवस्था में स्वयंसेवी संस्थाओं की भी मदद ली जाएगी। उपचार के दौरान भर्ती मरीजों और उनके साथ आए एक परिजन को सुबह-शाम नाश्ता, दोपहर एवं रात्रि के भोजन की व्यवस्था भी निःशुल्क की जायेगी। इसके अलावा लाइफ लाइन शिविर स्थल पर रियायती दरों पर भोजन एवं नाश्ते की उपलब्धता के लिए कैंटीन भी लगेंगी।
कैंप स्थल, आवासीय परिसर आदि में शुद्ध पीने का पानी और साफ-सफाई की विशेष व्यवस्था होगी। आपातकालीन स्थिति में लाईफ लाईन एक्सप्रेस को बिजली की आपूर्ति के लिए भी विद्युत विभाग द्वारा जरूरी व्यवस्थाएं की जा रही है।
जिले के डेढ़ सौ से अधिक स्काउट-गाईड और एन एस एस के कैडेटों की मदद ली जायेगी। विभिन्न विद्यालयों एवं महाविद्यालयों के यह कैडेट वालंटियर के रूप में तैनात रहेंगे।
मरीजों को पंजीयन, डाक्टरों तक पहुंचाने, दवाओं के वितरण और इलाज के बाद बाहर तक वापसी या संबंधित अस्पताल में भर्ती के लिए रवाना करने का काम इन कैडेट के हवाले होगा। इंपेक्ट इंडिया फाउंडेशन और भारतीय रेलवे के प्रयास से सन 1991 में शुरू हुई यह ट्रेन कोरबा में वर्ष 2002 में पहली बार आई थी और पांच हजार से अधिक लोगों को इलाज का लाभ मिल सका था।
करीब 17 साल बाद दूसरी बार कोरबा रेल्वे स्टेशन में लाइफलाइन एक्सप्रेस पहुंची है। इस ट्रेन में 7 बोगी है, जिसमें 2 बोगियों में ऑपरेशन थियेटर स्थापित किये गये है, जिनमें एक ही समय में पांच मरीजों का आपरेशन किया जा सकेगा। 12 अक्टूबर से लाईफ लाईन एक्सप्रेस में शुरू होने वाले निःशुल्क चिकित्सकीय सुविधा के लिए देश के 40 विशेषज्ञ डाक्टरों की टीम आगामी 21 दिनां तक कोरबा में अपनी सेवांए देगें।
1000 मोतियाबिंद का ऑपरेशन
नेत्र रोग विशेषज्ञ डाक्टरों की टीम द्वारा एक हजार मोतियाबिंद के आपरेशन का लक्ष्य है मोतियाबिंद के आपरेशन के लिए पहले ही 500 मरीजों का पंजीयन किया जा चुका है। आगामी 21 दिनों तक चलने वाले मेडिकल कैम्प में अलग-अलग बीमारियों के दो हजार से अधिक आपरेशन करने का लक्ष्य रखा गया है।