मीरगंज क्षेत्र के भटेवरा गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय में घुसा बसुई नदी का पानी।
जौनपुर। बसुई नदी का जल स्तर बढ़ने से मंगलवार को मीरगंज, मुगराबादशाहपुर व मछलीशहर क्षेत्र 10 से अधिक गावों में पानी घुस गया है। वहीं आधा दर्जन से अधिक मकान भी गिर चुके हैं।घरों में पानी भरने के कारण लोग प्राथमिक विद्यालयों सहित अन्य स्थानों पर शरण लिए हुए हैं। वहीं गोमती नदी का जल स्तर भी लगातार बढ़ रहा है। जिससे तटीय इलाकों की हजारों हेक्टेयर फसलें डूब चुकी हैं।वहीं गावों तक भी पानी पहुंचने लगा हैं। लेकिन अभी भी प्रशासन मौन बना हुआ है। जौनपुर में गोमती नदी का जल स्तर मंगलवार को साढ़े 21 फीट था। जल स्तर बढ़ने से शहर क्षेत्र के विसर्जन घाट स्थित नौ दुर्गा मंदिर सहित गोपी घाट, हनुमान घाट, अली घाट, अचला घाट व शिव गोपाल घाट सहित तटीय इलाकों में पानी घुस गया है। चंदवक व केराकत क्षेत्र में तटीय इलाकों की हजारों एकड़ फसलें डूब चुकी हैं। वहीं गावों में पानी पहुंचने लगा है। बसुही नदी उफान से तटीय इलाकों में पड़ने वाले मीरगंज क्षेत्र के एक दर्जन से अधिक गांवो में पानी घुस गया है। इस दौरान अमोध, बामी, महापुर, नाथुपुर, सजई,कठार, ऊचडीह, चितांव, देवकीपुर, भटेवरा व कठार गांव में पानी घरो तक पहुंच गया । जिससे कई मकान धरासायी हो गये हैं। वहीं हजारो एकड फसल डूब कर बर्बाद हो चुकी हैं। गांवो को जोड़ने वाले सम्पर्क मार्ग पर भी डूब गये हैं। चितांव गांव के लोग तो स्कूल में शरण लिए हुये हैं। चितांव- गोधना मार्ग, चितांव -चौकीखुर्द मार्ग, अदारी -ऊचडीह मार्ग, देवकीपुर । अमोध मार्ग, ऊचौरा -गरियांव मार्ग पानी डुब गया। बामी में सरोज बस्ती, पाल बस्ती व हरिजन बस्ती में पानी भरा हुआ है । बामी के उमाशंकर सरोज, दया राम शर्मा व लालजी गौतम का मकान गिर गया है। इसी तरह मुगराबादशाहपुर क्षेत्र के असवा गांव की दलित बस्ती के 30 मकान में पानी भर गया है। घुटने तक पानी होने से लोगो का जनजीवन प्रभावित हुआ है। पानी में अब तक बसंत लाल, शिवनाथ, हरिनाथ, फुल चंद, पुनम, रमेश, महेन्द्र व कृपाशंकर के मकान गिर गये है। इन परिवार के लोग दुसरो के घरो मे शरण लिए हुये हैं। जबकी जयनाथ, रामनाथ, रामसहाय, बनवारी, नन्दलाल ,मेघई, बनवासी, सुदामा, दिलीप कुमार, महेंद्र कुमार, बब्बन मोहन लाल के घरो मेंपानी घुस गया है। मछलीशहर क्षेत्र में बसुई नदी के तटीय इलाकों पर अतिक्रमण से पानी घुस गया है। बंधवा बाजार से होकर गुजरने वाली नदी में अतिक्रमण के कारण जल निकासी अवरुद्ध होने से अगल बगल के गांवों में पानी घुस गया है। नदी का पुराना पुल जर्जर स्थिति में होने से पीडब्लूडी उस पुल को मिट्टी डालकर बंद कर दिया। विकल्प के तौर पर बगल के पुल से पानी बहाव को चालू कर दिया गया था। अब स्थिति यह है कि पुराने पुल पर कब्जा व निर्माण हो गया। जिससे अब नदी का दायरा सिमट कर कम हो गया।जिससे बसुई नदी का पानी गावों तक पहुंच गया है।