नरसिंहपुर। जिले के शिक्षक संवर्ग अपने भविष्य को लेकर अनिश्चितता और अस्थिरता और चिंता से भरा हुआ है क्योंकि उन्हें सेवानिवृत्ति के पश्चात अपनी पेंशन को लेकर भारी चिंता सता रही है नई पेंशन योजना शेयर बाजार पर आधारित होने के कारण काफी जोखिम भरी है जिसमें हजार से लेकर रूपये 2000 की नाममात्र की पेंशन राशि मिलने की संभावना है।पुरानी पेंशन बहाली, तीन-चार सालों से जिले में प्रदेश द्वारा घोषित रूप से लगाई गई रोक के कारण पदोन्नतियां नहीं होने, नए संवर्ग के नियुक्ति आदेश में सातवां वेतनमान 1 जुलाई 2018 का लिखित आदेश होने के बावजूद प्रदेश समेत जिले में भी किसी को भी सातवां वेतनमान नहीं मिल रहा है। नवनियुक्त शिक्षकों ने एक जनवरी 2016 से अन्य विभागों के कर्मचारियों के समान सातवां वेतन भुगतान और छठवें वेतनमान की विसंगति सुधारने की पुरजोर मांग रखी। प्रदर्शन और नारे लगाते हुए सैकड़ों की संख्या में अध्यापक नरसिंह भवन में अपना आक्रोश प्रकट करने पहुंचे जहां संयुक्त शिक्षक मोर्चा के तहत प्रांतीय समस्यायों में पुरानी पेंशन योजना, पदोन्नति शुरू करने 7 वां वेतन भुगतान और अन्य गंभीर स्थानीय स्तर के मुद्दों पर भी मांग पत्र जिला कलेक्ट्रेट परिसर में एडीएम मनोज ठाकुर को देकर जिला नरसिंहपुर में निर्वाचन कार्य में बीएलओ के कार्य जिसमें शिक्षकांे द्वारा भारी दबाव में काम किया जा रहा है। जिला स्तर से संकुल प्राचार्य डीडीओ पर लगाम नहीं लगा पाने के कारण लिपिकों की हठधर्मिता के कारण 6वें वेतन आयोग महंगाई भत्ते भुगतान के एरियर राशि हड़ताल अवधि के रुके हुए वेतन भुगतान नहीं होने, पिछले 4 सालों से वरिष्ठता सूची जारी नहीं किए जाने क्रमोन्नति प्रक्रिया समय सीमा में पूर्ण नहीं हो रही खाली पदों पर अतिथि शिक्षक भर्ती नहीं हो पाने से ग्रीन कार्ड की वेतन वृद्धि लगाने के संशोधित आदेश जारी किए जाने में कोताही बरतने से राज्य शिक्षा कैडर के शिक्षकों में भारी आक्रोश दिखा ।
लोक शिक्षण भोपाल राज्य शिक्षा केंद्र एवं कमिश्नर जबलपुर ने भी माना है कि यह गैर शैक्षणिक कार्य है इसके कारण बच्चों की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हो रही है शिक्षकों को कहा जा रहा है कि शाला समय के पश्चात् घर-घर जाकर निर्वाचक नामावली में नाम काटना, जोड़ने रंगीन फोटो लेकर उसे कम्प्यूटर में फीडिंग कराना जैसा जटिल कार्य शाला जाने के बाद अतिरिक्त समय में किये जाने के लिए कहा जा रहा है जोकि व्यावहारिक नहीं है। बीएलओ मुद्दे और गैर शैक्षणिक कार्यों से बालक बालिकाओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं मिल पा रही है। ज्ञापन कार्यक्रम में अधिकारी कर्मचारी संस्था मध्यप्रदेश शिक्षक संघ शिक्षक कांग्रेस सहित विभिन्न अध्यापक संगठन और 5 सैकड़ा से अधिक आक्रोश और रोष से भरे शिक्षक और अध्यापकों की मौजूदगी रही।