जिला-कोरिया. पूरे कोरिया जिले में जितने पुलिस बल नहीं है उससे ज्यादा तो पत्रकार हैं। कोरिया जिले में जबसे माननीय भूपेष बघेल की सरकार आयी है, तबसे लोगों को छूट मिल गई है जिससे लोग-बाग पोर्टल बना-बनाकर वसूली कर रहे हैं। वर्तमान में पान वाला पत्रकार है, आलू बेचने वाला पत्रकार है, झाड़ू लगाने वाला भी पत्रकार है, एवं जो व्यक्ति पंडितायी करते थे, जो कृषि विभाग में नाचते थे, जो व्यक्ति दारू, गांजा, शराब बेचते थे वे सब अब पत्रकार बन चुके हैं। जिससे समाज का चैथा स्तंभ कहलाने लायक नहीं रहेगा।
जो व्यक्ति एक पोर्टल पे बताते हैं कि पत्रकारों की खुली पोल.. वे पहले अपने गिरेबान में झांक कर देखें कि उनको अभी पत्रकारिता में आए हुए चार दिन भी नहीं हुए, और जो 1981 से पत्रकारिता में हैं उनके पत्रकार पर सवाल उठा रहे हैं। और पत्रकारिता की आढ़ में अपने पिता जी के लिए नौकरी, माता जी के लिए नौकरी, भाई के लिए नौकरी पा रहे हैं। भारत सरकार की मर्यादा को त्याग पर रखकर अवैध वसूली व अधिकारियों पर दबाव बनाकर एवं संगठन बना-बनाकर लोगों को चमका रहे हैं। व इनके सामने तो पुलिस भी कांपती है। यहां तक कि अब तो महिलाएं भी पत्रकारिता में उतर आई हैं।