मिडिया के नाम पर बनी सब्जी मंडी
भारत वर्ष में समाज का चैथा स्तंभ कहलाने वाला एक सम्मनित पद लोग व अधिकारी नेतागण बडे सम्मान से पत्रकारों को स्थान देते थे,लगभग 10 सालों से जो लेाग पंडितायी करते थें,व नाचा शासन के प्रचार में रहते थें,आलू,प्याज,पान,चाय,टमाटर,जूआरी हत्यारें सभी लोग मिडिया से जुडे हुये है। कुछ लोग तो ऐसे भी हैं आर.टी.आई लगाकर करोडों की सम्पात्तियां बना लिये हैं ,जैसे कहते हैं चोर-चोर मौसेरे भाई,उसमें पुलिस विभाग भी संलिप्त हैं ।क्योंकि पुलिस विभाग सम्मानित पत्रकार को सम्मान देना नहीं सिखें,क्योकि पुलिस मात्र पैसे को पहचानती हैं,इसीलिए वे लगत ही व्यक्ति को सपोट करते हैं ,पे्रम एक्ट के मुताबिक जो पे्रस से जुडता हैं उसके लिये सचि़़त्र प्रमाण पत्र लगना अत्यंत आवश्क हैं जैसे-गुगल या यूबटूब में चरित्र प्रमाण अत्यंत अवश्क हैं ,जिससे कोई हत्यारा या बदमाश यूबटूब या गूगल में समाचार चलाकर अवैध वशुली करते हैं।अभी कुछ लोग वॅाटफप वाले राजनीतिक नेताओ से चुनाव के दौरान अभी से एक समाचार चलाने का 2 हजार से3हजार रूपयें ले लेते हैं ,क्या इनके प्रशंसा करने से या विज्ञापन डालने से इसका कुछ भी उपयोंग होता हैं ।जिसको टिकट मिलना रहता हैं उसको मिलता हैं ।