वशिष्ठ टाइम्स।।
मुख्यालय बैकुण्ठपुर न्यायालय में टाइपराइटरों द्वारा टाइपिंग के नाम पर मनमाना पैसा वसूला जाता है। जैसे 50 के काम को 100-150 तक वसूला जाता है और टाइपराइटर्स आम जनताओं की समस्याओं को समझे बिना आय दिन अपना पेट भरने में ही लगे हुए हैं। जिससे वे दिन ब दिन अमीर बनते जा रहे हैं। इसी प्रकार आय दिन गरीब जनता को लूटा जा रहा है और पैसों के लिए मजबूर किया जा रहा है। मजबूरन जनता को उतना रकम देना भी पड़ता है। इसके अलावा उनके पास और कोई दूसरा चारा भी नहीं होता, जिससे वे इस लूटामारी का शिकार होने से बच सकें। और वे जिस काम के लिए पैसे ले कर आते है उतने पैसों में वह काम हो ही नहीं पाता बल्कि पूरे पैसे तो उनका टाइपिंग में ही चल जाता है, और कई जगहों से पैसे उधार लेने के कारण उनका कर्ज भी बढ़ता जाता है।
जिला न्यायालय में जब यह हाल है तो पूरे जिले में क्या होगा।