वशिष्ठ टाइम्स।
मंगलवार को कुरूद के पास भीषण हादसा हुआ, इस हादसे में कार सवार 6 युवाओं की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। कार सवार सभी युवक बैकुण्ठपुर के रहने वाले थे, गंगरेल बांध घुमकर वापस आ रहे थे। मृतकों के नाम अभिषेक जायसवाल, परीक्षित पाल, प्रांजल पैकरा, शुभम ि़द्ववेदी, राजा सरकार और तपन स्टॉकिंग थे। इसमें से पांच अपने मां-बाप के इकलौते पुत्र थे। तथा प्रांजल के पिता नहीं थे तो प्रांजल ही घर का मुखिया था।
हादसा दिन के लगभग 12बजे हुआ। जगदलपुर से रायपुर की ओर जा रही वेगानआर कार, बस को ओवर टेक कर टैंकर से सीधे भीड़ गई। इस टक्कर में कार का सामने का हिस्सा पुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया, जिसमें बैठे दो युवक अंदर ही फस गये तथा पीछे बैठे चार युवक टक्कर से उछल कर बाहर सड़क पर गिर पड़े। घटना के तुरंत बाद ही मदद भी पहुंच गई थी, साथ ही कुरूद पुलिस भी पहुंची। हादसे के समय वहां से गुजर रहे पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम भी वहां रूक कर घटना का जायजा लिए।
साथ ही पुलिस की पत्नी शिप्रा बैकुण्ठपुर की ही निवासी है, उनका ससुराल कुरूद में ही है। उन्हे जानकारी मिलते ही वह फौरन ही घटना स्थल में युवाओं की पहचान के लिए जा पहुंची।
सभी युवाओं को अस्पताल ले जाया गया, कुछ समय तक अभिषेक जायसवाल जीवित थे उन्होंने ही अपने बारे में कुछ जानकारी दी। हलांकि किसी की जान नहीं बचाई जा सकी। शिप्रा ने शुभम व प्रांजल के शवों का पंचनामा किया।
पूर्व मं़त्री भैयालाल राजवाड़े और वर्तमान राज्यमंत्री गुलाब कमरो भी अस्पताल जा पहुंचे।
शवों का पीएम के पश्चात् 6 अलग-अलग एम्बुलेंस में शवों को बैकुण्ठपुर के लिए रवाना किया गया।
सभी शवों को अपने-अपने निवास में लाया गया जिसमें तपन को बिलासपुर व शुभम को बैकुण्ठपुर लाकर रीवा रवाना किया गया। चारों कों अंतिम संस्कार के लिए मुक्तिधाम ले जाया गया। बैकुण्ठपुर विधायिका अम्बिका सिंहदेव शव के साथ ही पैदल मुक्तिधाम तक जाकर शोक व्यक्त किया, एवं भावुक होकर उनके आंखों में आंसू आ गये।
मुक्तिधाम में चारों को अलग-अलग स्थान देकर एक साथ देह-संस्कार किया गया। जिसमें प्रांजल को आग उसकी छोटी सी बहन ने ही उसका देह-संस्कार किया।
शाम 7 बजे सभी युवाओं की आत्मा की शांति के लिए नगरवासियों द्वारा दीप प्रज्वलन व 2 मिनट के लिए मौन धारण कर श्रद्वांजली दी गयी।
प्रांजल, अपने परिवार का मुखिया था उसके ना होने पर उसके परिवार की स्थिति देखकर अम्बिका सिंहदेव द्वारा तत्काल 10000 राशि प्रदान की गयी व अन्य लोगों द्वारा मिला कर 20000 राशि दी गयी । उसकी माता से बातचीत के दौरान उन्हांने खाना बनाने का कार्य करने की इच्छा जाहिर की जिससे उनका परिवार का गुजारा हो सके।