वशिष्ठ टाइम्स।
ग्राम पंचायत सोनहत में भ्रष्टाचार की एक से एक कहानियां हैं यहां के पंच सरपंच के द्वारा एक से एक कारनामे किये गए हैं पंचायत राज अधिनियम की धारा 40 को इनके द्वारा मजाक बना कर रखा गया है फर्जी टिन नम्बर लिख कर राशि आहरण करना पंचों के द्वारा अपने नाम पर पुत्र के नाम पर बिल लगा कर लाखों रुपए अपने नाम पर निकलना इनके लिए आम बात है।यहां के रोजगार सहायक के अपने जलवे हैं यहाँ ये अपने सगे भाई के नाम पर फर्म बना कर मनरेगा से कई काम तो सिर्फ कागजों में कर के राशि का आहरण किया जाता है और इसमें अधिकारियों का भी पूरा सहयोग रहता है क्यों न मिले सबका कमीशन फिक्स है इसीलिए तमाम शिकायतों के बाद भी इनपर कोई करवाई नहीं होती।यहाँ के सरपंच ने खुद आपने नाम पर शौचालय बना डालाए जबकि चुनाव लड़ते समय शपथ पत्र में बाकायदा लिखा जाता है कि मेरे घर में शौचालय है इसके बाद भी अपने ही नाम पर शौचालय निर्माण करा लिया और जब इनका कारनामा ऐसा है तो पंच जीवनलाल के नामए शिक्षक इंद्रपाल के नाम पर भी शौचालय बना डाला।और तो और रोजगार सहायक के नाम पर अटल आवास भी बन गया पर शिकायतें सिर्फ रद्दी की टोकरी में पड़ी है और पंच सरपंच नित नए इबारतें लिख रहे हैं।