जिलो में काग्रेसियों के नए अध्यक्षों की कयास लगाई जा रही है।
छत्तीसगढ मे जिलों के कांग्रेस अध्यक्षों का कार्य काल अच्छा न होने के कारण लोग सभा चुनाव मे पराजय का कारण हुआ चरचा का विषय है कि अध्यक्षो मे अपनी अधिनिश्ता के द्वारा अधिकारियों पर दबाव बनाकर पैसा निकालना वह दबाव बनाकर ठेकेदारी का काम लेना व शासकीय भूमि पर कब्जा करके मकान बनाकर किराये पर उठाना जमीनो की दलाली करना वह लोग करोडपति बने हुये हैं वही लोंग बीजेपी शासन मे बीजेपी से लाभ उठाना उनका मुख्य उद्धेश्य उनके पार्टी से संबध नही है वो लोग पार्टी को व्यापार बना कर चल रहे हैं ऐसे जिला अध्यक्ष अपने ब्लाको का पता नही कर पाते और पंचायत का भी पता नही है कि कौन कहा हैं घ् उनकों मालुम नही हैं ऐसे अध्यक्ष जो कि शीशों के महल में रहते है क्या मतलब प्रदेश कार्य कमेठी को नये जिला अध्यक्षों की नियुक्ति बडा सोच समझ के लेना होगा जो गल्ती हो चुकी हैं उनको दोहराया न जाये अब नई नियुक्तिी ऐसे व्यक्ति का किया जाये जो की पुराना काग्रेसी हों या काग्रेस से दल बदल न किया हों काग्रेस का वफादार होना चाहिये ऐसा भी न हो की कांग्रेस की आड मे अवैध धंन्धा न करता हों राजनितिक व्यक्ति आज कल के जमाने मे राजनितिक के प्रति साफ और ईमानदार होना मुसकिल हैं कोरिया जिलें में दंबग वह निष्पक्ष विचार धारा के मुख्तार अहमद वह योगेश शुक्ला नजर आते हैं जिनकी छबि आज तक बरकरार हैं मुख्तार अहमद एक अच्छे विचार धारा वह राजनैतिक मे मजे हुय नेता जमीन से जुडे हुये नेता माने जाते हैं कंाग्रेस ऐसे व्यक्ति को अध्यक्ष बनाये जो अध्यक्ष को मान देय राशि पर नियुक्त किया जाय !