अपनों ने मारा गैरों में क्या दम था
बैंकुंठपुर कोरिया छ.ग. के विधान सभा क्षेत्र के लोगों को राजनीतिक में व लोगो को सर्विस लाईन में चलना सिखाया यहा तक ,कुमार साहब की देन हैं जिला पंचायत अध्यक्ष व नागरपालिका अध्यक्ष व बैकुंठपुर विधानसभा का विधायक बनाने में कुमार साहब की देन रही ंजिनको दो बार विधान सभा का टिकट दिया गया । जो लोग पैरासुट के नाम से अपना देखे कि उनके पास कुछ नहीं था,आज पैराषुट बोलने वालो के पास करोडो की संपत्ति व अपनी जन्म स्थान के लोगो को विकलांग व कोरिया जिले के निवासी बनकर नौकरी पाये हुए हैं जिनको सिंहदेव ने विधायक का टिकट दिलवाया वह व्यक्ति राजपरिवार के नहीं हुए,तो आम जनता के साथ क्या होंगे, यह कांगे्रस संगठन के व्यक्ति नहीं हैं यह पैराषुट संगठन बना हुआ हैं । कांग्रेस हाई कामान को यह देखना हैं कि पूर्व में जिस क्षेत्र के निवासी थे,तो बोट कितना मिला है, उस स्थिति को देखना चाहिए कि मैं क्या हूं,राजनीति को सेवा भाव जैसे स्व.डाॅ.रामचन्द्रसिंह देव ने सेवाभाव से 6बार विधायक रहें,जिन्होेंने अपना रिकार्ड,अपना विष्वास के साथ छ.ग. कि जनता से प्राप्त किया ।
अभी के मंत्री और नेता गणों को देखा जाए आम जनता समझ सकती हैं यह कैसा सेवा भाव हैं ।जो कि जितना भी बोट मिला ,पूर्व वित्त मंत्री की देन थी। उस वक्त को याद करते हुये हाई कामान इनका को ग्राफ देखने को मिल सकता हैं ,कि चार नम्बर पर आयेगें कि पांच नम्बर पर आयेंगे। प्राप्त सूचनातंत्र के अनुसार कुछ लोग कांग्रेस मे बैंकुठंपुर विधान सभा में अन्दर ही अन्दर विवाद की स्थिति पैदा किया जा रहा हैं, जब सिंह देव मैजुद थे,बैकुंठपुर कांगे्स में ऐसे स्थिति कभी नहीं आयीं ,जब कुमार साहब चल भी नहीं सकते थे फिर भी उनके द्वारा पूरे बैकुंठपुर विधान सभा में साथ में बैठकर चुनाव में प्रचार प्रसार भ्रमण करते थे। बैकुंठपुर के सिंहदेव के समर्पित व पे्मीयों के द्वारा इस विचार धारा सुनकर बडे़ दुःखी होकर अपनी अप्तविति बात जो राजा और जनता के बीच में पे्रम था,उस पे्रम को लेकर इसी समाचार का उल्लेख किया जा रहा हैं । जिसको प्रतिपक्ष नेता आस लगाकर बैठे हैं ,कोरिया जिले के तीनो सीट कांगे्स में आ सकती हैं पर जिस प्रकार बैकुंठपुर विधान सभा के संगठन में टिकट को लेकर घमासान संघर्ष चल रहा हैं इससे प्रतित होता है कि आपसी विवाद में कोरिया जिले कि सीटे जीतना मुश्किल होगा। जबकि हारने वालो को कांगे्स को कदापि टिकट देना अच्छा नहीं होगा। पैराशुट की चर्चा करने वालो को यह ध्यान देना चाहिए कि पूर्व में हमारी क्या स्थिति थी,अब क्या स्थिति हैं । यह सब सिंहदेव कि देन हैं,इस कार्यालय में पैराशुट कहने वालों का पूरा बायोडाटा आ चुका हैं ।