राजस्व विभाग व जमीन पंजीयन विभाग की भररासाही
बैंकुंठपुर कोरिया में झूग्गी झोपडी़यों के नाम से पट्टा बांटे गये थें,उस पट्टे में लिखा हैं कि यह जमीन न किसी को किराया से दे सकते हैं और उस जमीन से किसी बैंक में लोन नहीं ले सकते हैं और न ही बेच सकते हैं।झूग्गी झोपड़ी का पट्टा देने का मतलब महल बनाना नहीं हैं पर देखने को मिलता है पैसे के बल पर झूग्गी झोपड़ी पटटे के जमीन को तहसीलदार बैकुंठपुर के द्वारा उस जमीन का पटटा को स्वामित्व का पटटा चढ़ा दिया गया हैं जब कि चाहे सौ वर्ष हो जाये वह झूग्गी झोपडी का ही पटटा रहेगा,यह कैसा हुआ कि शासन 8/900 वर्ग फुट जमीन का पटटे के आलावा 1500/2000 वर्ग फुट पर पक्का मकान निर्माण करके करोडो कि संपत्ति बनाकर लोगो को 3-4हजार महिना किराये पर दिये हुये हैं शासन की योजना आती हैं तो सबसे पहले अमीर गरीब हो जाते हैं,यह जांच का विषय है।