स्वार्थी एवं मतल्बिया प्रत्याशियोें के करतूत….
लोकसभा के इस चुनाव के नजदीकियों में देखा जा रहा है, कि प्रत्याशियों द्वारा जनता को तो बेवकूफ बनाया ही जा रहा है, साथ ही भगवान को भी नहीं छोड़ रहे हैं, देखा जा रहा है, कि जिस व्यक्ति को कभी सर झुकाते न देखा गया हो वह व्यक्ति चुनाव के कारण हर जगह सर झुकाते फिर रहा है, प्रत्याशियों द्वारा मंदिर, मस्जिद, चर्च, गुरूद्वारा, लगभग सभी जगह जाकर माथा टेका जा रहा है, जबकी उन्हे पता होता है, कि वे कितने स्वार्थी हैं, पर वे अपने सामने भगवान को भी नहीं छोड़ते उन्हे भी अपने राजनीति में समेंट लेते हैं, जैसे कहा गया है न “दुःख में सुमिरन सब करे, सुख में करे न कोए, जो सुख में सुमिरन करे दुःख काहे को होए ” और तो और प्रत्याशी एवं नेताओं द्वारा सोशल मीडिया पर लोगों को दिखाने व बहकाने के लिए अपना फोटो भी अपलोड कर दिया जाता है, जबकी लोगों को भी पता होता है की वे क्या हैं? क्यूँ ऐसा कर रहे हैं? पर नेताओं के नजर में उनके समर्थक बनने के लिए उनके समर्थ में ही कमेंट किया जाता है, जैसे अभी हाल ही में फेशबुक पर हेमा मालिनी का खेतों में काम करते हुए फोटो पोस्ट किया गया, जिसमें लोग अपनी कमेंट में उन्हे वाह वाही दे रहे थे, जबकी सबको पता है, कि ये सब दिखावा है, सच्चे नेता हमेशा स्व. कोरिया कुमार की तरह अपनी कार्यों से जनता के दिलों में जगह बनाते हैं, न की बेवकुफ बनाकर, इसलिए जनता को ठगना बंद करें और अपने कार्यों पर जोर डालें।