आरएसएस यदि हिन्दुओं का संगठन है तो मुझसे बैर क्यों : दिग्विजय सिंह
कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह ने गुरुवार को कहा कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) से उनका कोई विवाद नहीं है और संघ यदि हिन्दुओं का संगठन है तो वे भी हिन्दू हैं फिर उनसे बैर क्यों?
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री से जब यह पूछा गया कि भाजपा ने आपको संघ एवं हिन्दू विरोधी बना दिया है? तो उन्होंने यहां बताया कि आरएसएस से मेरा कोई विवाद नहीं है। यह अगर हिन्दुओं का संगठन है तो दिग्विजय सिंह भी हिन्दू है, फिर मुझसे बैर क्यों भाई?
उन्होंने कहा कि आरएसएस कोई राजनीतिक संगठन तो है नहीं। आप (आरएसएस) स्वयं कहते हैं कि यह सांस्कृतिक संगठन है। आप (आरएसएस) कोई रजिस्टर्ड बॉडी भी नहीं है। राजनीतिक दल भी नहीं है। फिर क्यों नाराज होते हो भाई? दिग्विजय ने बताया कि मैं द्वारिका एवं ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का आज से नहीं, बल्कि वर्ष 1983 से उनका दीक्षित शिष्य हूं। मैं अपने धर्म का ढिंढोरा नहीं पीटता और न ही चुनाव में उसका उपयोग करता हूं।
उन्होंने कहा कि ये भारतीय संविधान बाबा साहेब अम्बेडकर ने जो बनाया, उसमें हर व्यक्ति को अपने धर्म का पालन करने का अधिकार है। उसमें क्यों लोगों को बांटते हो? देश की एकता और अखंडता हमारी शक्ति है। उसे कायम रखना है। सभी धर्म प्रेम और सद्भाव का रास्ता दिखाता है। राजनीति बांटती है, परिवार तक को बांट देती है इसलिए धर्म को राजनीति से नहीं जोड़ना चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित भाजपा नेताओं द्वारा कांग्रेसमुक्त भारत बनाए जाने पर पूछे गए सवाल पर दिग्विजय ने कहा कि यही मानसिकता है (तानाशाह एडोल्फ) हिटलर की। कांग्रेस मुक्त भारत। ढूंढ़ते रह जाएंगे यानी लोकतंत्र में विपक्ष नहीं होना चाहिए। इसी मानसिकता से तो हम लड़ाई लड़ रहे हैं।
मोदी पर हमला जारी रखते हुए उन्होंने कहा कि मोदी ने देश के युवाओं को हर साल 2 करोड़ नौकरियां देने का वादा किया था, लेकिन नोटबंदी के बाद 27,000 नौकरियां रोज उनके कार्यकाल में कम हो रही हैं। यह हम नहीं कह रहे हैं, यह प्रामाणिक रिकॉर्ड कह रहा है।
दिग्विजय ने बताया कि मोदीजी सही बात करने से डरते हैं। प्रधानमंत्री ने चुनाव के हलफनामे में अपनी वैवाहिक स्थिति नहीं बताई थी, वहीं अपनी शैक्षणिक योग्यता से जुड़ी जानकारी भी छुपा रहे हैं। बता दें। क्या दिक्कत है? उन्होंने आरोप लगाया कि झूठे आंकड़े प्रस्तुत कर श्रेय लेना उनकी (मोदी) आदत में शुमार है।
दिग्विजय ने कहा कि इसके अलावा मोदी ने कहा था कि वे कालाधन विदेशों से वापस लाएंगे, आतंकवाद को खत्म करेंगे, नकली करेंसी खत्म करेंगे, लेकिन न तो कालाधन वापस आया, न आतंकवाद खत्म हुआ और नकली करेंसी समाप्त होने की बजाय बढ़ गई है।