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बावन परियों के इश्क मे फंसा पुलिस अमला, जुंआ फड मे नहीं होती कार्यवाही

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बावन परियों के इश्क मे फंसा पुलिस अमला, जुंआ फड मे नहीं होती कार्यवाही

बैकुण्ठपुर। कोरिया जिले के क्षेत्रों मे अवैध जुंआं, शरास, गांजा, मेडिकल नशा सहित सट्टा पट्टी का खेल जोरों से चल रहा है। जिसकी भनक पुलिस को है जिसक बाद हो रहे अवैध कार्यों को रोकनें पुलिस प्रशासन तत्पर नहीं है। जिसके कारण प्रतिदिन क्षेत्रों में घटनाएं बढ़ती जा रही है अवैध जुआ का कारोबार, यह गोरखधन्धा आम आदमी की किस्मत खोलने के नाम पर चल रहा। घिनौना खेल पुलिस के नाक नीचे चल रहा कारोबार सब जानकर अंजान बनी है वही सूत्रों की माने तो थानें मे प्रतिदिन जुआ कारोबारी मोटी रकम पहुंचाते है मोटी रकम। जिस कारण जिले में तेजी से फल फूल रहा है धंन्धा जिससे न जानें कितने घर बर्बाद हो रहें है। सुत्रों की मानें तो पटना क्षेत्र के गिरजापुर व नकटापारा मे सट्टा पट्टी का कार्य चल रहा है, इस अवैध कारोबार की जानकारी शायद पटना थाना को नहीं है जिसके कारण आज तक कार्यवाही नहीं हुई है, जानकारी के अनुसार चिरमिरी के माफियों के द्वारा नकटापारा व गिरजापुर मे अवैध खेल खेलाया जा रहा है। कुछ दबंगों के संरक्षण में जुआ का खेल चल रहा है जुए का खेल बङे पैमाने पर फल फूल रहा है। बडे पैमाने पर पुलिस की शांठगांठ से हो रहा है इसी लिये क्षेत्र में अपराध बढ़ता जा रहा है पुलिस का चारों तरफ कारनामा देखने को मिल रहा है वैसे ही क्षेत्रों में लाटरी जुआ भी बड़े पैमाने में फल फूल रहा है। नाम न छापनें की शर्त पर एक खिलाडी ने बताया की नकटापारा व गिरजापुर मे चिरमिरी गोदरीपारा निवासी द्वारा यहां सट्टा पट्टी मटक का कारोबार संचालीत कराया जा है। पिछले दिनों गिरजापुर मे सट्टा पट्टी संचालीत किया जाता था जिसे पटना पुलिस द्वारा पकडा भी गया था, किन्तु एकबार पुनः पिछले समय की अपेक्षा अब दो गुनी स्पीड से कारोबार चल रहा है।

मुख्यालय मे चल रहा बावन परियों का खेल

कोरिया जिला मुख्यालय मे भी बावन परियों के आशिकों की कमी नही है, बावन परियों के आशिकों को बजाज शो रुम से मार्डन फर्निचर के बिच हमेशा देखा जा सकता है। जुंआ के फड संचालक द्वारा तीन से चार लडको को खेल के अड्डे के समिप मामुली खर्च दे कर देख रेख के लिए तैनात किया जाता है। यहां तक की थाने मे भी संचालको की लम्बी सेटिंग बनी हुई है जिसके एवज मे हजारो रुपये प्रतिदिन संरक्षण हेतु दिया जाता है, जिसके कारण बावन परियों के सांथ बेखौफ खेलते है। अंदरुनी संरक्षण के कारण पुलिस के फड़ तक पहूंच नें से पहले ही खिलाडियों को जानकारी मिल जाती है।  बावन परियों के इस खेल को भाजपा नपा पार्षद के घर मे खेला जाता है जिसके कारण खिलाडी और भयमुक्त हो कर खेल खेलते है।

जिले मे कई जगहों पर होती है बैठक

जिले मे जुंआ का फड चलना नें वाले अधिकतर लोग भाजपा नेंता, कांग्रेस नेंता व गुंडा प्रवत्ती के होनें के कारण शासन प्रशासन भी उनके सहयोग मे हमेशा तत्पर रहते है। कई जगह एक दरोगा के संरक्षण में जुआ व सट्टा का कारोबार बड़ा रूप लेता जा रहा है, जिससे कितने ही घरों में रात मे मारपीट होती है। कितने बच्चे भूखे सो जाते हैं। बावजूद इसके न तो जुए के अड्डे बंद हो रहे हैं। जिसके कारण सट्टा पट्टी व जुंआ का कारोबार और तेजी से चल रहा है। यह लाटरी सुबह 10 बजे से हर एक घंटे पर खुलती है। जुंआ व सट्टा खुले आम एनएच मे हो रहा है। क ई स्थानों पर जुए के अड्डे सुबह से ही शुरू हो जाते हैं जो देर रात तक चलते हैं। इन अड्डों पर संचालक का पूरा नियंत्रण रहता हैं। इस प्रकार प्रत्येक अड्डे पर दर्जनों की संख्या में जुआरी हर समय मौजूद रहते हैं। सबसे हैरत की बात तो यह है कि प्रशासनिक अधिकारियों के सबसे बड़े नियंत्रण वाले स्थान कलेक्टर कार्यालय के पीछे भी पूरे दिन जुआ होता हैं, लेकिन कोई प्रशासनिक अधिकारी इस ओर नजर नहीं करता है। ऐसा नहीं है कि इस ओर किसी प्रशासनिक अधिकारी की नजर नही है बल्कि आर्थिक समझौते के आधार पर कोई किसी कार्रवाई को तैयार नहीं है। पूरे नगर में होने वाले जुए को उसके दो संचालक चलाते हैं। इन संचालकों की ही जिम्मदारी होती है कि वह पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों से संरक्षण दिलाएं। इसके एवज में संचालकों को प्रत्येक जीतने वाला जुआरी अपनी जीतने वाली रकम में से पूर्व निर्धारित हिस्सा (नाल) देता है। इनकी पुलिस से इतनी अच्छी साठगांठ है कि किसी परेशानी का हल भी पुलिस करती हैं। यहां बता दें कि प्रतिदिन लगभग दो से तीन लाख का जुआ होता है। कई बार जुए में होने वाली बेईमानी का समझौता भी पुलिस के कर्मचारी ही कराते है। इसके साथ ही सट्टा का कारोबार भी खूब फल फूल रहा है। अनुमान के अनुसार प्रतिदिन लगभग दो लाख रुपये का सट्टा कारोबार हो रहा है। सूत्र बताते हैं कि इस कारोबार मे नगर के जनप्रतिनिधि व अधिकारियों का आशीर्वाद है। जिन कारोबारियों से इनकी साठगांठ है, उनको पुलिस का अभयदान मिला हुआ है। सरकारी प्रतिबंध के बावजूद भी शहर सहित ग्रामिण क्षेत्रो मे सट्टा पट्टी खुलेआम खुले खेलाई जा रही हैं।

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