नरसिंहपुर, 15 अप्रैल 2025. कलेक्टर श्रीमती शीतला पटले एवं कृषि वैज्ञानिकों ने जिले के किसानों को ग्रीष्मकालीन समय में अपने खेतों में गहरी जुताई करने की सलाह दी है। इससे मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने, खरपतवार नियंत्रण करने और जल संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका होती है। गर्मी के मौसम में खेत खाली रहने के दौरान गहरी जुताई करने से मिट्टी में मौजूद हानिकारक कीटों और बीमारियों के अंडे तथा लार्वा नष्ट हो जाते हैं। गहरी जुताई के कारण खरपतवार भी जड़ से उखड़ जाते हैं और अगली फसल लेने से इनका प्रकोप कम हो जाता है।
जिले के किसानों से अपेक्षा की गई है कि वे कृषि विभाग के अधिकारियों और कृषि वैज्ञानिकों से संपर्क कर ग्रीष्मकालीन गहरी जुताई की सही विधि और इसके लाभों के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। यह एक सरल और प्रभावी कृषि तकनीक है। किसान इसे अपनाकर मिट्टी को स्वस्थ और बेहतर फसल उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं।
उप संचालक कृषि श्री उमेश कुमार कटहरे ने गहरी जुताई से होने वाले फायदों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गहरी जुताई से मिट्टी की संरचना में सुधार होता है। वर्षा जल का बेहतर अवशोषण होता है और मिट्टी में नमी अधिक समय तक बनी रहती है। यह शुष्क क्षेत्रों और कम वर्षा वाली फसलों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसके अतिरिक्त गहरी जुताई से मिट्टी में हवा का संचार बेहतर होता है, जो पौधों की जड़ों के विकास के लिए आवश्यक है। उन्होंने किसानों से अपेक्षा की कि वे इस सलाह को गंभीरता से लेकर ग्रीष्मकालीन गहरी जुताई कर अपनी कृषि पद्धतियों को और अधिक बेहतर एवं लाभकारी बनायें। कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को बताया कि ग्रीष्मकालीन समय में गहरी जुताई से मिट्टी के स्वास्थ्य और फसल उत्पादन की स्थिरता के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।