जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में आयोजित हो प्रवेशोत्सव कार्यक्रम
नरसिंहपुर : कलेक्टर श्रीमती शीतला पटले की अध्यक्षता में नवीन शिक्षण सत्र 2025- 26 की एक अप्रैल से शुरूआत के पूर्व स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों की स्कूल चले हम अभियान के विद्यालय स्तर पर क्रियान्वयन की समीक्षा बैठक आयोजित की गई।
बैठक में कलेक्टर ने कहा कि एक अप्रैल से 4 अप्रैल तक आयोजित होने वाले स्कूल चलें हम अभियान के दौरान प्रवेशोत्सव कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों की सहभागिता सुनिश्चित की जाये। उन्होंने कहा कि शाला से बाहर रहे चिन्हित बच्चों का शाला में नामांकन एवं उनके अभिभावकों का शाला स्तर पर स्वागत, कक्षा पहली से कक्षा 12 वीं तक की शालाओं में एक अप्रैल को बालसभा का आयोजन और कक्षा 8 वीं तक की सभी शालाओं में विशेष भोज का आयोजन किया जाये। कलेक्टर ने कहा कि दो अप्रैल को भविष्य से भेंट कार्यक्रम में जनप्रतिनिधि, प्रबुद्ध व सम्मानित नागरिकों को एक प्रेरक की भूमिका में विद्यार्थियों से भेंट के लिए आमंत्रित किया जाये। जिला स्तर के प्रथम एवं द्वितीय श्रेणी के अधिकारियों द्वारा शाला में जाकर बच्चों के साथ संवाद कार्यक्रम आयोजित किया जाये। तीन अप्रैल को सांस्कृतिक एवं खेलकूद की गतिविधियां आयोजित की जाये।
बैठक में कलेक्टर ने निर्देश दिये कि विभागीय योजनाओं की जानकारी पालकों को दी जाये और 85 प्रतिशत से अधिक उपस्थिति वाले विद्यार्थियों के पालकों को विशेष रूप से आमंत्रित कर उनका सम्मान किया जावे। 4 अप्रैल को हार के आगे जीत है के माध्यम से वर्ष 2025 की परीक्षा में कक्षोन्नति प्राप्त न करने वाले विद्यार्थियों को पुन: प्रवेश के लिए अभिभावकों को आमंत्रित कर प्रेरित किया जाये। कलेक्टर ने निर्देश दिये कि शाला प्रबंधन समिति एवं विकास समिति की बैठक आयोजित की जावे। नवीन अकादमिक सत्र में अनामांकित बच्चों का विद्यालय में शतप्रतिशत नामांकन एवं बच्चों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। इसके अलावा शाला प्रारंभ होने की तिथि एवं शिक्षा विभाग की योजनाओं का व्यापक प्रचार- प्रसार कर जनप्रतिनिधियों को अवगत कराया जावे। स्कूल रेडिनेस- आनन्दमयी वातावरण, शाला भवन एवं छात्रावासों की स्वच्छता एवं साज-सज्जा का कार्य 31 मार्च तक पूर्ण कर लिया जावे। कम नामांकन वाली बसाहटों में पालकों से से सतत सम्पर्क कर बच्चों को शाला में प्रवेश दिलाने के लिए प्रयास किये जायें। शाला से बाहर एवं विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को चिन्हित कर शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए अनिवार्यतः प्रवेश दिलाया जावे। कलेक्टर ने कक्षा 10, 11 एवं 12 में प्रवेशित विद्यार्थियों को कठिन अवधारणाओं के साथ- साथ पाठ्यक्रम के अनुसार अध्ययन एवं अध्यापन कार्य कराये जाने संबंधी निर्देश दिये। उन्होंने जिले के कुछ शासकीय विद्यालयों के रखरखाव एवं बच्चों के शैक्षणिक गतिविधियों की प्रशंसा कर अनुकरणीय बताया एवं प्रथम आने वाले विद्यार्थियों की फ़ोटो स्कूल में लगवाने के लिए कहा।
बैठक में जिला परियोजना समन्वयक डॉ. आरपी चतुर्वेदी, एपीसी समग्र शिक्षा श्री दीपक अग्निहोत्री, समस्त विकासखंड शिक्षा अधिकारी, एपीसी श्री समीर त्यागी, विकासखंड स्रोत समन्वयक मौजूद थे। इसके अलावा जिले के समस्त प्राचार्य ऑनलाइन वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से जुड़े थे।