सूचना प्रसारण मंत्रालय का उड़ रही धज्जियां
हमारे भारत वर्ष में मीडिया को समाज का चैथा स्तंभ बताया गया है, लेकिन नयी पीढ़ी के लोग पोर्टल मास्टरो ने मीडिया को व्यापार बना लिया है, नयी पीढ़ी के लोग पोर्टल चलाकर अपने को पत्रकार बताते हैं, जब की उनके परिवार में लोग नशीली दवाई, गाँजा शराब जुआ, सट्टा, कबाड़ तक का धंधा करते हैं, अपराधी उनके घर में ही बैठे और वे दुसरे को अपराधी खोजने में लगे हैं, भारत सरकार के द्वारा पोर्टल को कोई भी किसी प्रकार का मान्यता नहीं दिया गया है इसलिए उनके द्वारा दिया गया प्रतिनिधि कार्ड का भी कोई मान्यता नहीं है, कुछ पोर्टल वाले अपनी वाह वाही करने के लिए एवं चापलुसी को दिखाने के लिए मक्खन लगाकर पोर्टल पर न्यूज चलाते हैं, और अधिकारियों को गुमराह करते हैं, और अपना दुकान चलाते हैं, पोर्टल के माध्यम से करोड़ो के आसामी बना चुके हैं, सूचना प्रसारण मंत्रालय द्वारा ऐसे फेक पत्रकारों की जाँच कर कार्यवाही की जाए जिससे मीडिया की धज्जियां न उड़े।