छत्तीसगढ़ में प्रदूषण नियंत्रण के लिए बड़ी पहल की जा रही है, जिसमें पेट्रोल पंपों पर वाहनों की जांच होगी और पीयूसी सेंटर खुलेंगे। यह कदम वाहनों से होने वाले प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए उठाया गया है । इस पहल के तहत, पेट्रोल पंपों पर वाहनों की जांच की जाएगी और प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (पीयूसी) की जांच की जाएगी। यदि कोई वाहन पीयूसी के बिना पाया जाता है, तो उसके मालिक को 10 हजार रुपये का चालान भरना होगा ।
इस कदम का उद्देश्य वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करना और वायु गुणवत्ता में सुधार करना है। प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र के बिना वाहन चलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी । प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र के लिए वाहन मालिकों को अपने वाहनों की जांच करानी होगी और प्रमाणपत्र प्राप्त करना होगा। यह प्रमाणपत्र वाहन के प्रदूषण स्तर को दर्शाता है। इस कदम के बाद से वाहन मालिकों में आक्रोश फैल गया है, लेकिन प्रदूषण नियंत्रण के लिए यह कदम आवश्यक है।
इसके लिए पेट्रोलियम कम्पनियों ने अपनी सहमति दे दी है। पेट्रोल पंपों पर प्रदूषण जांच केंद्र स्थापित होने से वाहन चालकों को पीयूसी प्रमाण पत्र बनवाने में आसानी होगी और उन्हें अन्य केंद्रों की तलाश में भटकना नहीं पड़ेगा। यह निर्णय राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) और केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, जिससे वायु प्रदूषण को नियंत्रित कर आमजन के स्वास्थ्य की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।