नरसिंहपुर : स्वामी विवेकानंद जी के जयन्ती के उपलक्ष्य में “स्वामी विवेकानंद जी का जीवन एवं उनके विचार” पर जिला स्तरीय व्याख्यान कार्यक्रम का आयोजन पीजी कॉलेज नरसिंहपुर में रविवार को किया गया।
व्याख्यान कार्यक्रम के मुख्यातिथि भारत विकास परिषद के रिजिनल प्रेसीडेंट श्री सुनील कोठारी, कार्यक्रम की अध्यक्षता नगर पालिका अध्यक्ष श्री नीरज दुबे, मुख्यवक्ता स्वामी मानदानंद एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में स्वामी निरंजन दादा जी शारदा आश्राम केरपानी तथा जनअभियान परिषद के जिला समन्वयक श्री जयनारायण शर्मा मौजूद थे।
कार्यक्रम का आयोजन मप्र जनअभियान परिषद नरसिंहपुर के तत्वाधान में किया गया। कार्यक्रम में उत्कृष्ट कार्य करने वाले छात्रों एवं कार्यकर्ताओं को प्रशस्ति-पत्र देकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के मुख्यवक्ता स्वामी मानदानंद ने बताया की स्वामी विवेकानंद के तीन पुष्प/आयाम हम सबके लिए प्रेरणा देने वाले हैं। उनमें पहला- गुरु के प्रति श्रद्धाभक्ति, दूसरा राष्ट्र प्रेम व समर्पण तथा तीसरा पुष्प सनातन शास्त्रों के परिपेक्ष्य में उनकी निष्ठा है। व्यक्ति स्वामी जी के विचारों को आत्मसात कर स्वामी विवेकानंद की तरह बन सकता है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री सुनील कोठारी ने जनअभियान परिषद द्वारा प्रतिवर्ष राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर जिला स्तरीय व्याख्यान कार्यक्रम कर समाज को एक नई दिशा देने का कार्य किया है। स्वामी विवेकानन्द जी का जीवन सनातन के विचारों का पुंज है और हम सबके लिए एक विश्विद्यालय है। उनके विचारों ने पूर्व की भारतीय संस्कृति से पश्चिम जगत को न केवल परिचय करवाया हैं बल्कि विश्व में भारतीय विचार व दर्शन का परचम भी लहराया है।
नगर पालिका अध्यक्ष श्री नीरज दुबे ने स्वामी विवेकानन्द जी को युवाओं के प्रेरणा स्रोत तथा सनातन संस्कृति के संवाहक बताया। उनके विचार व उनके उद्बोधन सम्पूर्ण मानव जाति ही नहीं जड़ चेतन व स्थूल को भी शान्ति व सुख प्रदान करने वाले हैं। कार्यक्रम की प्रस्तावना जिला समन्वयक जनअभियान परिषद श्री जयनारायण शर्मा ने रखी।
कार्यक्रम का संचालन गोटेगांव विकासखण्ड समन्वयक श्री प्रतीक दुबे और आभार चांवरपाठा विकासखण्ड समन्वयक श्री धर्मेन्द्र चौहान ने किया। कार्यक्रम में नवांकुर, प्रस्फुटन समितियों के प्रतिनिधि, सामुदायिक नेतृत्व विकास पाठ्यक्रम के परामर्शदाता, विद्यार्थियों, सामाजिक, धार्मिक व आध्यात्मिक संस्था प्रतिनिधियों, गणमान्य नागरिक मौजूद थे।