छत्तीसगढ़ में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां सर्वे के आधार पर लोगों में चर्चाएं हैं कि सुरक्षाकर्मी और पुलिस वाले ही होटलों और दुकानों में देशी और अंग्रेजी शराब की सप्लाई में शामिल हैं। इसके साथ-साथ कई गांड़ियां बुकिंग में भी चलती है जो कि उसमें भी शराब सप्लाई किया जाता है। जिससे खाखी वर्दी वाले लोगों की ऐशो-आराम की जिंदगी पर सवाल उठते हैंए जिनके पास लगभग 15.20 लाख की गाड़ियांए शानदार घर और अच्छी सुविधाएं हैं। उनकी वर्दी के कारण कोई भी उनसे सवाल नहीं कर पाता।
पत्रकार भी इनके कारनामों में सम्मिलित –
आजकल के नयी पीढ़ी के पत्रकारों ने सारी हदें पार कर दी हैं, जो केवल सच्चाई को छुपाकर चापलूसी करने में लगे रहते हैं, क्योंकि प्रशासन ऐसे लोगों को प्रोत्साहित करता है जो चापलूसी करते हैं।
आजकल के पत्रकारों और पुलिस के बीच सांठ-गांठ के कारण सच्चाई को दबाया जा रहा है, जिससे गलत व्यक्तियों के खिलाफ आवाज नहीं उठाई जा सकती। शासन-प्रशासन को ऐसे पुलिसकर्मियों की जांच करनी चाहिए जिनकी आय से अधिक संपत्ति है, और यह जानने की कोशिश करनी चाहिए कि यह संपत्ति कहां से आ रही है ?