मकर संक्रांति त्यौहार एक महत्वपूर्ण हिंदू त्यौहार है, जो पौष मास में मनाया जाता है। यह त्यौहार भगवान सूर्य को समर्पित है और हिंदू धर्म में इसका विशेष महत्व है ।
इस त्यौहार के दिन सूर्य धनु राशि को छोड़कर मकर राशि में प्रवेश करता है, जिसे उत्तरायण की शुरुआत माना जाता है। इस दिन को बुराई और नकारात्मक प्रभाव को समाप्त करने का भी पर्व माना जाता है ।
मकर संक्रांति के दिन लोग गंगा स्नान करते हैं, सूर्य को जल चढ़ाते हैं और दान करते हैं। इस दिन तिल और गुड़ के लड्डू, तिल पपड़ी और गज़क का भोग किया जाता है ।
यह त्यौहार भारत के विभिन्न राज्यों में अलग-अलग नामों से मनाया जाता है, जैसे कि उत्तरायण, पोंगल, सकरात आदि। यह त्यौहार हमें बुराई पर अच्छाई की जीत की याद दिलाता है और हमें दान और सेवा की महत्ता को समझने का अवसर प्रदान करता है ।
मकर संक्रांति 2025 तारीख और शुभ मुहूर्त
14 जनवरी को सुबह 8 बजकर 55 मिनट पर सूर्य का मकर राशि में प्रवेश होगा। ऐसे में सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक स्नान दान का शुभ मुहूर्त रहेगा। इसमें सुबह 8 बजकर 55 मिनट से लेकर दोपहर में 12 बजकर 51 मिनट तक का समय पुण्य काल रहेगा। जबकि 8 बजकर 55 मिनट से लेकर 9 बजकर 29 मिनट तक का समय महापुण्य काल रहेगा। इस समय अमृत काल होने से स्नान दान का सर्वोत्तम फल मिलेगा।