बैकुण्ठपुर मुख्यालय में बाईसागर निस्तार तालाब एवं आदिवासियों के जमीन को पूर्व कलेक्टर द्वारा बेचने की अनुमति दे दी गई है। बता दें कि, तालाब को लेकर वर्षों से बैकुण्ठपुर राजस्व विभाग एवं कलेक्टर को बार-बार शिकायत किया गया, परंतु जानकार सूत्र बताते है कि, राजस्व विभाग के आर.आई व पटवारी गलत जानकारी देकर आदिवासी के जमीन लगभग 20 डिसमिल को बेच दिया गया है। जबकि कोरिया कलेक्टर के नियमानुसार लगभग 5 डिसमिल देने तक का अधिकार है। पर चर्चा का विषय है कि, पैसे के बल पर नियम को भी ताक पर रख दिया गया है।
बता दें कि, बाईसागर तालाब को लेकर पूर्व से ही समाचार प्रकाशित होता चला आ रहा है परंतु पूर्व में बाईसागर तालाब को जांच के निर्देश नहीं दिये गये थे वही वर्तमान में कलेक्टर द्वारा बाईसागर तालाब को लेकर जांच के निर्देश दिये गये है, तो भू-माफियों द्वारा लगभग 15-20 लोगों ने संपादके के अनुपस्थित में संपादक के परिवार मंे ढावा बोल दिया गया तथा परिवार सहित संपादक को जान से मारने की धमकी भी दिया गया। क्योंकि भू-माफिया गंुडे व अपराधिक किस्म के विचारधाराओं से है। इस घटना के बारे में थाना प्रभारी से लेकर आईजी तक को शिकायत किया जा चुका है फिर भी कोई कार्यवाही एवं विवेचना आज तक नहीं हुई।
इसी तरह रामपुर मंे एक जमीन को लेकर आवेदक के परिवार की हत्या कर दी गई थी। और हत्या के पश्चात पुलिस आवेदक के घर पंचनामा करने पहुंच गये, लेकिन समय रहते कार्यवाही नहीं की किया गया। जनता जानना चाहती है कि, क्या पुलिस विभाग रक्षा के लिए है या मरवाने के लिए ? इस घटना से लोगों के मन में पुलिस के प्रति नफरत एवं दहशत फैल गयी है कि, अगर एक संपादक के घर में धमकी देने वालों की पुलिस ने कार्यवही नहीं की, तो आम जनता के ऊपर क्या ध्यान देंगी ? इससे प्रतीत होता है कि, पुलिस प्रशासन अपराधियों से संबंध है। राज्य शासन ऐसे प्रशासन पर कार्यवाही करें। एवं अवैध रूप से चल रहे निर्माण कार्य को तुरंत रोक लगाये, साथ ही यह जानकारी मांगा जाये कि, नगर पालिका किसके आदेश पर बाईसार तालाब में निर्माण करा रही है ?