सूरजपुर : प्रेमनगर इलाके के पहुंचविहीन मुलकी पहाड़ में झोपड़ी बनाकर रह रहे संरक्षित पंडो जनजाति के एक परिवार की झोपड़ी में शनिवार देर रात 11 हाथियों के दल ने हमला कर वहां सो रहे दो सगे भाई बहन को कुचल कर मार डाला। घटना के दौरान एक मासूम बालक झोपड़ी के भीतर ही छिप गया। उनके माता-पिता दो बच्चों के साथ भाग कर जान बचाई। जानकारी मिलते ही वन विभाग एवं वन विकास निगम के आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए। हाथी फिलहाल प्रेमनगर के रिहायशी बस्ती के समीप बिरंची बाबा पहाड़ी में डटे हुए हैं।
सूरजपुर जिले के रामानुजनगर वन परिक्षेत्र अंतर्गत प्रेमनगर ब्लाक के मुलकी पहाड़ में कुछ पंडो परिवार झाला (झोपड़ी) बनाकर रहता है। महेशपुर गांव से पांच किलोमीटर दूर इस पहाड़ के बीचोबीच पंडो जनजाति के तीन सदस्य थोड़ी थोड़ी दूरी पर अतिक्रमित वनभूमि पर अलग अलग झोपड़ी बना कर रहते है। वे मवेशी चरा कर जीवनयापन करते है।
प्रेमनगर क्षेत्र में वर्ष भर हाथियों का आना-जाना लगा रहता है। कोरिया और कोरबा क्षेत्र से हाथी इधर विचरण करते हैं। शनिवार रात जिस दल ने पंडो बस्ती में हमला किया वह तारा क्षेत्र से आया था। जिस वक्त हाथियों ने मुलकी पहाड़ में झोपड़ी को गिराना शुरू किया उस दौरान सभी गहरी नींद में सो रहे थे। घने अंधेरे में पंडो परिवार हाथियों को देख दहशत में आ गया। इस दौरान दो बच्चों को लेकर तो पंडो परिवार जान बचाने में सफल रहा लेकिन दो बच्चे झोपड़ी में फंसे रह गए।
घटना वन विकास निगम के कक्ष क्रमांक 1945 में घटित हुई है। उन्होंने पाया कि पहुंच विहीन पहाड़ी पर तीन पंडो ग्रामीण अतिक्रमण अलग-अलग झोपड़ी बनाकर पिछले एक साल से गाय चराने का कार्य कर रहे हैं। इस दौरान रेंजर रामचंद्र प्रजापति ने मृतक भाई बहन के पिता बिखु राम पंडो को 50 हजार रुपये की सहायता राशि प्रदान की।