छत्तीसगढ़ में दिवाली का त्यौहार चल रहा है। जिसमें जगह-जगह शराब व जुआ अड्डों का पता पुलिस विभागों द्वारा छापा मारा गया है। जानकार सूत्र बताते है कि, पुलिस विभाग के हवलदार होटलों में शराब सप्लाई करते है। किस-किस जिले में पुलिस विभाग के कर्मचारी होटलों में शराब की सप्लाई करते है ? यह अभी तक गुपनीय है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, दिवाली के मौके पर जिस जिले में जुआरियों की गिरफ्तारी कम बतायी जा रही है उसी जिले में सबसे ज्यादा जुआ खेला गया है। चर्चा का विषय है कि, जिला छोटा हो या बड़ा एक-एक जिले में लगभग दस लाख से लेकर पच्चास लाख तक की वसूली जिलों के आधार पर पुलिस विभाग को हुई है। बताया जा रहा है कि, पुलिस विभाग अपने रिकाॅर्ड के अनुसार जुआरियों से पकड़े गये रकम व जुआरियों की संख्या को कम दर्शाया जा रहा है। इससे प्रतीत होता है कि, पुलिस विभाग लोगों से पैसा वसूलने में सबसे आगे रहा है।
लोगों का कहना है कि, आज पुलिस विभाग इतना ईमानदार विभाग नहीं रहा कि, पूरी सच्चाई को बता सके। आज देखा जाये तो लगभग 25-30 हजार की वेतन है। लेकिन उनके आवासों में करोड़ो के सौकीन समान बरामद पाये जा सकते है। यही कारण है कि, पुलिस के लापरवाही से छत्तीसगढ़ में आये दिन वरदाते हो रही है। पहले लोग पुलिस से डरते थे अब पुलिस जनता से डरती है। कारण यही है कि, पुलिस के कृत्यों से पब्लिक सामना करने को तैयार है।
वही पुलिस अधिकारी ये नहीं मालूम कर पा रहे है कि, हमारे विभाग के कर्मचारी कहां-कहा शराब सप्लाई करते है ? इसी प्रकार दिवाली के अवसर पर भी पुलिस के जवानों का नाम लेकर एक शर्मिंदगी महसूस होती है जो जनता के साथ वसूली का कृत्य करते है इसलिए लोग इनसे घृणा करते है। अब सोचने वाली बात है कि, छत्तीसगढ़ के प्रमुख अधिकारी से लेकर नीचने पदाधिकारी सहित यह जनता को बताये कि पुलिस विभाग किस होटलों में दारू सप्लाई करते है।