छत्तीसगढ़ में भू-माफियों का आंतक जोरो-शोरो पर चल रहा है, फिर भी छत्तीसगढ़ शासन द्वारा भू-माफियों के ऊपर कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, रायपुर में एक मंदिर के लिए भूमि आरक्षित किया गया था उस कृषि भूमि को भू-माफियों ने अपने चंगूल में फंसाकर विक्रय कर दिया गया। बताया जा रहा है कि, वह कृषि भूमि मंदिर को दान में मिली थी। इससे बड़ा भू-माफियों का आंतक क्या हो सकता है ? जो कि मंदिर तक को नहीं छोड़ रहे है।
इसी प्रकार बैकुण्ठपुर कोरिया जिले में तालाब को लेकर समाचार प्रकाशित करते हुए एक माह से अधिक हो चुका है, परंतु हर कोई भू-माफियों के चंगूल में फंसे हुए है। बता दें कि, बाईसागर तालाब एक सार्वजनिक तालाब था जो कि विक्रेता के पूर्व दस्तावेजों में निस्तार व जानवरों के पानी पीने की तालाब आरक्षित था। अब उसी बाईसागर तालाब में बहुत बड़ा धोखा-धड़ी का मामला सामने आया है, जिसमें राष्ट्रीय बैंकें भी स्थापित हो चुकी है। बताया जा रहा है कि, उसी बैंक से भू-माफियों द्वारा लाखों रूपए लोन भी लिया जा चुका है।
जानकार सूत्र बताते है कि, अधिकारी भू-माफियों के बचाव में लगे हुए है। भू-माफिया किसी ने किसी तरीके से जांच टीमों को करोड़ो रकम देनेे के फिराक में लगे हुए है, पर बैकुण्ठपुर के जनता को कलेक्टर महोदया जी के ऊपर पूर्ण भरोसा है कि, कानून की विशेष जानकार है इसलिए आस लगी हुए है।
मिली जानकारी के अनुसार, तालाब के लगभग चार-पांच डिसमिल के लिए लाखों रूपए मकान बनाने के लिए दिया जा रहा है। लोगों का कहना है कि, बैंक वाले कभी भविष्य में भी नहीं सोचे होंगे कि अवैध तरीके से राष्ट्रीय बैंक तालाब में आयेगी, परंतु पैसे के बल पर बैंक भी स्थापित करा दिया गया। लोगों में चर्चाऐं है कि, राजस्व विभाग पैसों के बल पर चल रहा है। जो कि पैसे के बल पर किसी रोड को भी इधर-से-उधर कर सकते है। जिसका प्रमाण बाईसागर तालाब है।
बता दें कि, पूर्व में सुप्रिम कोर्ट व हाई कोर्ट के न्यायाधीश महोदय द्वारा आदेश दिया जा चुका है कि, तालाब को न विक्री किया जा सकता है न भाटा जा सकता है। पर जानकार सूत्र बताते है कि, भू-माफियों ने हद पार कर दी है। उन्होंने साक्ष्य छिपाकर राजस्व स्टाम की भी चोरी करने में नहीं चुकी। जो कि लगभग 50 लाख के भूमि को लगभग 6 लाख में रजिस्ट्री करा लिया गया। सोचने वाली बात है कि, ये सभी कृत्य नगर पालिका नाक के नीचे हो रहे है और इन्हें इस मामले में कोई ज्ञात ही नहीं है।
वही बैकुण्ठपुर के नागरिको ने संज्ञान में लेकर हिम्मत जुटाई है और सार्वजनिक तालाब को लेकर लोगों ने संज्ञान में लिया है कि, इस लड़ाई को हाई कोर्ट तक दरवाजा खटखटाऐंगें। क्योंकि लोगबाग इस तालाब को पूर्व की स्थिति में लाना चाहते है। और लोगों का कहना है कि, भू-माफियों में ऐसे-ऐसे लोग है जिसके पास में लगभग चार-पांच सौ एकड़ जमीन भी हर गांव में मिलेगा। फिर भी भाजपा शासन भू-माफियों को सरंक्षण दे रहा है।